Manmohan Singh Memorial Controversy: कांग्रेस पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के दौरान हुई अव्यवस्था का मामला उठाया और केंद्र सरकार पर हमला किया तो उधर से जवाब देने की जिम्मेदारी भाजपा की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने उठाई।
उन्होंने कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की ओर से उठाए गए नौ सवालों के क्रमवार जवाब दिए। उनका बुनियादी मकसद सरकार और भाजपा के बड़े नेताओं को बचाना था लेकिन इस क्रम में उन्होंने केंद्र सरकार के अधीन आने वाली तमाम एजेंसियों को कठघरे में खड़ा कर दिया।
पवन खेड़ा के उठाए नौ सवालों के जवाब में उन्होंने एक बार नहीं कहा कि वैसा नहीं हुआ है, जैसा खेड़ा कह रहे हैं।
उन्होंने परोक्ष रूप से माना कि खेड़ा जो कह रहे हैं वह हुआ हो सकता है लेकिन उसमें सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं है।(Manmohan Singh Memorial Controversy)
उन्होंने हर सवाल के जवाब में किसी न किसी एजेंसी को जिम्मेदार बताया या पुराने प्रोटोकॉल का हवाला देकर सवाल को टाला।
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मिसाल के तौर पर पवन खेड़ा ने कहा कि अंतिम संस्कार के समय सारा फोकस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर था। इसका जवाब देते हुए मालवीय ने कहा कि कवरेज का काम दूरदर्शन के जिम्मे था।
उन्होंने कहा कि पहले भी ऐसा ही होता था कि दूरदर्शन ही इस तरह के कार्यक्रम की कवरेज करेगा और किसी दूसरी एजेंसी को वहां मंजूर नहीं होगी।
सवाल है कि दूरदर्शन क्या कोई स्वायत्त या निजी संस्था है? अगर उसने कोई गड़बड़ी की है तो जिम्मेदारी किसकी होगी?
इसी तरह पवन खेड़ा ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के काफिले की वजह से शवयात्रा प्रभावित हुई। इसके जवाब में मालवीय ने कहा कि ट्रैफिक पुलिस ने इसकी व्यवस्था की थी। अगर ट्रैफिक पुलिस ने कोई गड़बड़ी की है तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी?
ऐसे ही खेड़ा ने कहा कि परिवार के लोगों के बैठने के लिए सिर्फ तीन कुर्सियां लगाई गई थी, जबकि सबको पता है कि मनमोहन सिंह की पत्नी और उनकी तीन बेटियां हैं और परिवार के अन्य सदस्य भी हैं।
इसके जवाब में मालवीय ने कहा कि सीपीडब्लुडी ने पुलिस से पूछ कर कुर्सियों की व्यवस्था की थी। सोचें, सीपीडब्लुडी और दिल्ली पुलिस किसको रिपोर्ट करने वाली एजेसियां हैं?
सो, कुल मिल कर मालवीय ने डीडी, सीपीडब्लुडी, पुलिस और ट्रैफिक पुलिस के ऊपर सारी बातें डाल दीं।