झारखंड में आलू का बड़ा संकट चल रहा है। पश्चिम बंगाल सरकार ने आलू झारखंड भेजे जाने पर रोक लगा दी है। बताया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में आलू की बढ़ती कीमतों पर काबू करने के लिए राज्य सरकार ने इसके अंतरराज्यीय व्यापार पर रोक लगा दी। इससे झारखंड और ओडिशा में आलू का संकट पैदा हुआ। आलू से लदे सैकड़ों ट्रक दोनों राज्यों की सीमा पर रोक दिए गए और उनको वापस मंडी में भेजा गया। पश्चिम बंगाल में भी आलू के कारोबारी और खास तौर पर कोल्ड स्टोरेज के मालिक इस फैसले का विरोध कर रहे हैं लेकिन Mamata Banerjee की सरकार ने रोक जारी रखी है।
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इसका नतीजा यह हुआ है कि झारखंड में आलू की किल्लत हो गई है और दुकानदार मनमानी कीमत वसूल रहे हैं। हैरानी की बात है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा और उसकी सरकार ने इस पर चुप्पी साध ली। सरकार की ओर से बैक चैनल बातचीत हो रही है लेकिन खुल कर इसके लिए पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना नहीं की गई। किसी ने Mamata Banerjee के इस फैसले पर सवाल नहीं उठाया। असल में ममता बनर्जी के साथ हेमंत सोरेन के अच्छे संबंध हैं।
पिछली सरकार में भाजपा की ओर से कथित तौर पर कांग्रेस विधायकों की खरीद फरोख्त के मामले में ममता बनर्जी की पुलिस ने तीन विधायकों को नकदी के साथ गिरफ्तार किया था। ममता बनर्जी पिछले दिनों हेमंत सोरेन की शपथ में भी पहुंची थीं। इस सद्भाव में हेमंत की सरकार और पार्टी दोनों चुप रहे। हालांकि भाजपा ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया। भाजपा सांसद मनीष जायसवाल ने संसद में यह मुद्दा उठाया और केंद्र सरकार से इस मामले में दखल देने की अपील की।