विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे होंगे। दिल्ली में हुई गठबंधन की चौथी बैठक में जिस दिन ममता बनर्जी ने खड़गे को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाने का प्रस्ताव रखा था उसी दिन तय हो गया था कि खड़गे का कद और बड़ा किया जाएगा। इसी रणनीति के तहत शुक्रवार की वर्चुअल बैठक में खड़गे को ‘इंडिया’ ब्लॉक का अध्यक्ष घोषित कर दिया गया। इसका बड़ा राजनीतिक कारण है लेकिन उसके साथ ही यह सुविधा और लॉजिस्टिक्स के लिहाज से भी किया गया फैसला है। गौरतलब है कि मुंबई की बैठक के बाद जो कमेटियां बनीं उसमें मीडिया और सोशल मीडिया की टीम भी बनी है, जिसकी कमान कांग्रेस नेताओं के हाथ में है। दूसरे, विपक्षी गठबंधन का कोई सचिवालय दिल्ली में नहीं बना है। इसलिए किसी दूसरे नेता को जिम्मा देने पर समन्वय बनाने में दिक्कत होती। खड़गे के बनने से सब कुछ बहुत सहज तरीके से आगे बढ़ेगा।
इसका राजनीतिक पहलू यह है कि दक्षिण के एकमात्र राज्य, जहां भाजपा बहुत मजबूत स्थिति में है वहां उसे कमजोर किया जाए। वह राज्य कर्नाटक है, जहां भाजपा के पास 28 में से 26 सीटें हैं। खड़गे को पहले प्रधानमंत्री पद का दावेदार बताने के बाद उनको विपक्षी गठबंधन का अध्यक्ष बनाने से अपने आप यह मैसेज गया है कि अगर ‘इंडिया’ ब्लॉक की सरकार बनने की स्थिति बनती है तो खड़गे प्रधानमंत्री हो सकते हैं। इसका प्रचार कर्नाटक में होगा और पहले कन्नड़ प्रधानमंत्री की बात कर्नाटक की अस्मिता से जुड़ेगी। दूसरे, खड़गे दलित हैं तो पहले दलित प्रधानमंत्री की संभावना का मैसेज न सिर्फ कर्नाटक में बनेगा, बल्कि पूरे देश में जाएगा। इसलिए यह बहुत सोचा समझा दांव है, जिसका बहुत बड़ा फायदा कर्नाटक में कांग्रेस को और पूरे देश में विपक्षी गठबंधन हो सकता है।