पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कांग्रेस छोड़ी तो भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि आगे आगे देखिए। उनका इशारा था कि अभी कांग्रेस के और भी नेता पार्टी छोड़ेंगे। एक महीने में तीन बड़े नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने पार्टी छोड़ी थी और उसके बाद पूर्व विधायक बाबा सिद्दीकी ने पार्टी छोड़ी। फिर अशोक चव्हाण और उनके साथ एक पूर्व विधायक ने इस्तीफा दिया। कहा जा रहा है कि कांग्रेस के कम से कम छह विधायक और पार्टी छोड़ सकते हैं। कांग्रेस में बड़ी टूट के सहारे ही यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा राज्यसभा की छठी सीट जीतने की कोशिश करेगी। वह कांग्रेस को एक भी राज्यसभा सीट नही मिलने देने की राजनीति कर रही है। इसके लिए उद्धव ठाकरे और अजित पवार के पास बचे हुए और विधायकों से भी क्रॉस वोटिंग कराई जा सकती है।
बहरहाल, कांग्रेस के जिन नेताओं के पार्टी छोड़ने की चर्चा हो रही है उसमें नेता प्रतिपक्ष विजय वेडेट्टिवार का भी नाम शामिल है। सोचें, कांग्रेस के छोटे नेता पार्टी नहीं छोड़ रहे हैं। अभी तक की स्थिति यह है कि सबसे मजबूत बॉन्डिंग वाली शिव सेना टूट गई। शरद पवार के रहते एनसीपी टूट गई लेकिन कांग्रेस नहीं टूटी है। उसके 43 विधायक पार्टी के साथ एकजुट हैं। लेकिन पार्टी के बड़े नेता एक एक करके छोड़ते जा रहे हैं। पहले भी बड़े नेताओं ने ही पार्टी छोड़ी थी। तभी कहा जा रहा है कि अब कांग्रेस विधायक दल को भी एकजुट रखना मुश्किल होगा क्योंकि विधायको का भी हौसला टूट रहा है। जानकार सूत्रों के मुताबिक अशोक चव्हाण के साथ छह विधायक पार्टी छोड़ सकते हैं। उसके बाद और भगदड़ मच सकती है। अगर राज्यसभा की छठी सीट पर चुनाव की नौबत आती है तो बड़ी टूट संभव है।