महाराष्ट्र की राजनीति में लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद नए सिरे से राजनीतिक हलचल शुरू हो गई है। एक तरफ भाजपा में खींचतान और झगड़े शुरू हुए हैं तो दूसरी ओर विपक्षी खेमे में एनसीपी के दोनों गुटों में विवाद शुरू हो गया है। अजित पवार खेमे में कई नेता नाराज हैं और पाला बदल कर शरद पवार के खेमे में लौटना चाहते हैं तो शरद पवार के गुट में अलग झगड़ा छिड़ा है। यह विवाद शरद पवार के पोते और पार्टी के विधायक रोहित पवार और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल के बीच है। गौरतलब है कि अजित पवार ने जब पार्टी तोड़ी थी तब जयंत पाटिल ने शरद पवार का साथ नहीं छोड़ा था और उनकी बड़ी ताकत बने थे। लेकिन अब उनको लेकर सवाल उठ रहे हैं।
पिछले दिनों 10 जून को जब पार्टी का स्थापना दिवस मनाया जा रहा था उसी दिन से विवाद ने जोर पकड़ा है। वैसे पहले से यह विवाद चल रहा था लेकिन उस दिन रोहित पवार ने खुल कर जयंत पाटिल पर निशाना साधा और कहा कि किसी को अपने आप को कमांडर नहीं समझना चाहिए। उसी कार्यक्रम में जयंत पाटिल ने रोहित पवार को जवाब दिया और कहा कि उनको अगले तीन चार महीने शांति से काम करने दिया जाए। उनका इशारा विधानसभा चुनाव को लेकर था, जो अक्टूबर में होने वाला है। जानकार सूत्रों का कहना है कि रोहित पवार चाहते हैं कि जयंत पाटिल को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया जाए। चुनाव से पहले शरद पवार को यह विवाद सुलझाना होगा।