महाराष्ट्र में अब अजित पवार निशाने पर नहीं हैं। न सिंचाई घोटाले में और न सहकारिता घोटाले में। उनकी बजाय रोहित पवार अब निशाना बन रहे हैं। ध्यान रहे रोहित पवार एनसीपी के संस्थापक शरद पवार के पोते हैं और पिछले कुछ समय से वे रोहित पवार को राजनीति में आगे बढ़ा रहे हैं। अजित पवार ने अपने बेटे पार्थ को आगे किया था तो शरद पवार ने रोहित को आगे किया था। संयोग से पार्थ पिछला लोकसभा चुनाव हार गए थे, जबकि रोहित विधानसभा चुनाव जीत कर विधायक बन गए हैं। एनसीपी में टूट के समय रोहित पवार पूरी तरह से शरद पवार के साथ खड़े रहे। सो, अब केंद्रीय एजेंसियों के निशाने पर रोहित हैं।
पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय, ईडी ने रोहित पवार के यहां छापा मारा। महाराष्ट्र सहकारिता बैंक घोटाले से जुड़े मामले में यह कार्रवाई हुई है। सोचें, उस मामले में 70 लोगों के नाम शामिल थे। मुख्य रूप से अजित पवार के ऊपर इस मामले में सवाल उठा था। भाजपा के शीर्ष नेताओं ने भी इसे लेकर अजित पवार पर हमला किया था। लेकिन अब अजित पवार एनसीपी के कुछ विधायकों और सांसदों को लेकर भाजपा के साथ गठबंधन में चले गए हैं तो उनके ऊपर से ध्यान हट गया है और शरद पवार की ताकत बन कर उभर रहे रोहित पवार के ऊपर कार्रवाई तेज हो गई है।