राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

मराठा बनाम ओबीसी आरक्षण विवाद तेज हुआ

महाराष्ट्र में विधानसभा का चुनाव नजदीक आ गया है। राज्य विधानसभा का कार्यकाल पांच नवंबर को समाप्त होता है इसलिए अक्टूबर के अंत तक हर हाल में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया संपन्न होनी है। तभी कहा जा रहा है कि सितंबर में चुनाव की घोषणा हो सकती है। उससे पहले राज्य में मराठा बनाम ओबीसी आरक्षण का आंदोलन तेज हो गया है। अन्य पिछड़ी जाति यानी ओबीसी समाज के दो सामाजिक कार्यकर्ता, मनोज हाके और नवनाथ वाघमारे धरने पर बैठे थे और 10 दिन की भूख हड़ताल के बाद सरकार के भरोसा दिलाने पर उन्होंने धरना खत्म किया है। दूसरी ओर मराठा आरक्षण के लिए कई बार आंदोलन कर चुके मनोज जरांगे पाटिल ने भी फिर आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

एक तरफ मनोज जरांगे पाटिल का आंदोलन इस बात के लिए है कि मराठाओं को ओबीसी का दर्जा दिया जाए। उनको कुनबी में शामिल करके ओबीसी कोटे में आरक्षण दिया जाए। महाराष्ट्र सरकार ने उनके पिछले आंदोलन के समय कुनबी प्रमाणपत्र देने का समझौता कर लिया था। इसके खिलाफ ही ओबीसी का आंदोलन शुरू हुआ। पहले तो राज्य सरकार के मंत्री और अजित पवार गुट के नेता छगन भुजबल ने ही आंदोलन कराया लेकिन बाद में मनोज हाके और नवनाथ वाघमारे ने अनशन शुरू कर दिया। उनका कहना है कि मराठाओं को अलग आरक्षण मिले। उनको ओबीसी कोटे से आरक्षण देने पर बड़ा आंदोलन होगा। ओबीसी नेता अपने कोटे में किसी को शामिल नहीं करना चाहते हैं। चुनाव से तीन महीने पहले इस तरह का विवाद भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों के लिए मुश्किल पैदा करने वाला है।  लोकसभा चुनाव में भी इसका असर दिखा और विधानसभा चुनाव में यह मुद्दा ज्यादा असरदार होगा। ज्यादा दिलचस्प यह है कि दोनों आंदोलनों के बीच भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों के नेताओं का ही हाथ बताया जा रहा है।

Tags :

By NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *