महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी की तीनों पार्टियों शिव सेना उद्धव ठाकरे गुट, एनसीपी शरद पवार गुट और कांग्रेस में सीटों का बंटवारा हो गया है। उद्धव ठाकरे 21 और कांग्रेस 17 सीटों पर लड़ेगी। शरद पवार की पार्टी को 10 सीटें मिली हैं। सीट बंटवारे के बाद बाकी पार्टियों में तो सब ठीक है क्योंकि दोनों पार्टियां टूटने के बाद कमजोर हुई हैं और उनको जितनी सीटें मिली हैं वह पर्याप्त है।
लेकिन कांग्रेस पार्टी टूटी भी नहीं और फिर भी उसकी सीटें कम हो गईं। तभी कांग्रेस के अंदर कई स्तर पर घमासान शुरू हो गया है। वैसे पहले ही मुंबई की एक सीट को लेकर संजय निरुपम बहुत नाराज हुए थे और पार्टी छोड़ दी थी। उनकी पसंद की सीट उद्धव ठाकरे गुट को मिल गई तो वे उद्धव के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर को खिचड़ी घोटाले का आरोपी बता कर हमला कर रहे हैं और उसमें संजय राउत को भी शामिल कर रहे हैं।
इस बीच सीटों की घोषणा के बाद मुंबई की दक्षिण मध्य सीट और सांगली सीट को लेकर विवाद शुरू हो गया है। सांगली सीट से पार्टी के बड़े नेता विश्वजीत कदम दावेदार थे और साथ ही मुख्यमंत्री रहे बसंत दादा पाटिल के पोते विशाल पाटिल भी दावेदार थे। ये दोनों नेता दो बार दिल्ली आए और कांग्रेस के बड़े नेताओं से मिल कर गए।
इनका कहना है कि सांगली में शिव सेना का कुछ भी नहीं है। फिर भी सीट उसको दे दी गई। कहा जा रहा है कि विशाल पाटिल निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। उधर मुंबई दक्षिण मध्य सीट पर तो मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष वर्षा गायकवाड की दावेदार थीं। हालांकि वे बागी नहीं होंगी लेकिन उनके समर्थक नाराज हैं और वहां कांग्रेस के कार्यकर्ता ईमानदारी से शिव सेना उम्मीदवार का समर्थन करेंगे, इसमें संदेह है।