एनसीपी प्रमुख शरद पवार की बेटी और बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने पिछले दिनों कहा था कि दिल्ली में बैठा कोई व्यक्ति देवेंद्र फड़नवीस का अपमान कर रहा है और वही व्यक्ति पवार परिवार में भी फूट डाल रहा है। उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया था। तब उनकी इस बात का फड़नवीस या उनके किसी करीबी ने खंडन नहीं किया था। लेकिन ऐसा लग रहा है कि सचमुच लगातार फड़नवीस के साथ कुछ न कुछ बुरा हो रहा है। पिछले साल जून में जब शिव सेना टूटी तब वे मुख्यमंत्री बनने की तैयारी कर रहे थे लेकिन ऐन मौके पर उनको उप मुख्यमंत्री बना दिया गया। अब जबकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सदस्यता पर ग्रहण लगा है और फड़नवीस ने चार साल पुराना वीडियो पोस्ट कर अपने आने की बात कही तो उनसे न सिर्फ वीडियो डिलीट कराया गया, बल्कि शिंदे के समर्थन में बयान भी दिलवाया गया।
पहले तो फड़नवीस ने वीडियो डिलीट करके कहा कि शिंदे मुख्यमंत्री बने रहेंगे। बाद में उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस की और कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अयोग्य नहीं घोषित किए जाएंगे। आगे फड़नवीस ने कहा कि अगर अयोग्य घोषित हो जाते हैं तब भी मुख्यमंत्री बने रहेंगे। उनको विधान परिषद का सदस्य बनाया जाएगा। उनको यहां तक कहना पड़ा कि अगला चुनाव भाजपा शिंदे के चेहरे पर लड़ेगी। सोचें, एक तरफ कहां तो बिहार में भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा कह रहे हैं कि पार्टी अब किसी को कंधे पर नहीं बैठाएगी और उधर महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे से अलग हुए शिंदे को कंधे पर क्या सिर पर बैठाए हुए है। इसमें फड़नवीस के अपमान का मामला है तो है लेकिन साथ ही उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिव सेना का डर भी है। भाजपा को लग रहा है कि अगर शिंदे को हटाया तो फिर शिव सेना एकजुट हो जाएगी।