भारतीय जनता पार्टी को लगने लगा है कि महाराष्ट्र में मराठा वोट उसे नहीं मिलेगा या बहुत कम मिलेगा। तभी उसने अपनी रणनीति बदली है और अन्य पिछड़ी जातियों पर फोकस किया है। मराठा और ओबीसी आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलनों के बीच भाजपा किसी तरह से पिछड़ी जातियों को अपने साथ जोड़ना चाहती है। तभी राज्य में 11 सीटों के लिए होने वाली विधान परिषद् चुनाव में उसने चार उम्मीदवार पिछड़ी जाति से दिए हैं। ध्यान रहे विधानसभा में विधायकों की संख्या के लिहाज से भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों को नौ सीटें मिल सकती हैं। इसमें पांच या छह सीट भाजपा को मिलेगी। तभी भाजपा ने फिलहाल पांच उम्मीदवारों की घोषणा की है, जिसमें चार पिछड़ी जाति के हैं और एक मराठा समुदाय से।
भाजपा ने महाराष्ट्र के अपने सबसे बड़े ओबीसी नेता रहे दिवंगत गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे को भी विधान परिषद की टिकट दी है। गौरतलब है कि पंकजा मुंडे बीड से लोकसभा का चुनाव लड़ी थीं और छह हजार के करीब वोट से हार गई थीं। वे पिछली बार विधानसभा का चुनाव भी हारी थीं। सो, तीन महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने उनको विधान परिषद में भेजने का फैसला किया है। उनके अलावा कुनबी समाज से आने वाले परनय फुके, माली समाज के योगेश तिलेकर और मतंग समाज के अमित गोरखे को भाजपा ने टिकट दिया है। इन चार के अलावा मराठा समुदाय के सदाभाऊ खोत को भी उम्मीदवार बनाया गया है। पहले भाजपा के दिग्गज नेताओं राव साहेब दानवे, हर्षवर्धन पाटिल आदि को विधान परिषद में भेजने की चर्चा हो रही थी। लेकिन भाजपा ने ओबीसी को तरजीह देकर आगे की चुनावी रणनीत का संकेत दिया है।