राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

अजित पवार की प्लानिंग क्या है?

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने फिर सस्पेंस बना दिया है। उनको डेंगू हो गया था और इस वजह से उन्होंने अपने को सभी सरकारी और राजनीतिक कार्यक्रमों से दूर कर लिया था। लेकिन पिछले हफ्ते एक दिन अचानक वे पुणे में अपने चाचा शरद पवार से मिले और फिर दिल्ली रवाना हो गए। दिल्ली में उनकी मुलाकात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हुई। पवार के साथ प्रफुल्ल पटेल भी इस मीटिंग में शामिल हुए। इसे लेकर बड़ी चर्चा हो रही है। शिव सेना के उद्धव ठाकरे गुट के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कह कि पहली बार ऐसा देखा गया कि बीमार व्यक्ति ऐसे व्यक्ति से मिलने गया जो बीमार नहीं हो। एनसीपी के अजित पवार खेमे का कहना है कि वे शरद पवार से इसलिए मिले थे ताकि उनको भाजपा के साथ आने के लिए मना सकें। यहां तक दावा किया गया कि अजित पवार ने चाचा को काफी हद तक मना लिया है।

दिल्ली में अमित शाह से उनकी मुलाकात के बारे में कहा गया कि यह काफी समय से लम्बित थी। बताया जा रहा है कि शाह से मुलाकात में उन्होंने मंत्रिमंडल विस्तार के बारे में चर्चा की। यानी शरद पवार से उनको मनाने के लिए मिले और अमित शाह से कैबिनेट विस्तार के लिए मिले। इसके अलावा तीसरी चर्चा यह है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से शिव सेना के विधायकों की अयोग्यता पर फैसला करने के लिए महाराष्ट्र के स्पीकर को दी गई 31 दिसंबर की समय सीमा को देखते हुए राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। माना जा रहा है कि अगर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अयोग्य ठहराए गए तो वे हट जाएंगे और अजित पवार मुख्यमंत्री बन सकते हैं। हालांकि भाजपा नेता और राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस कह चुके हैं कि शिंदे अयोग्य भी ठहराए गए तो मुख्यमंत्री रहेंगे। ध्यान रहे भाजपा नेता राहुल नार्वेकर विधानसभा के स्पीकर हैं। तभी शिंदे गुट मान रहा है कि अगर इसके बावजूद मुख्यमंत्री को अयोग्य ठहराया जाता है तो इसका मतलब है कि भाजपा अजित पवार को सीएम बनाना चाहती है। ऐसे में शिंदे गुट में भगदड़ मचेगी, जिसका फायदा उद्धव ठाकरे गुट को होगा। दूसरी ओर अगर अजित पवार सीएम नहीं बनते हैं तो उनका भी भाजपा से मोहभंग हो सकता है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें