उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सीट बंटवारे को लेकर बातचीत हुई है। पहली बात औपचारिकता थी और सिर्फ आधे घंटे दोनों पार्टियों के नेता बैठे। लेकिन कहा जा रहा है कि 12 जनवरी को बड़ी बैठक होगी और विस्तार से चर्चा होगी। सीट बंटवारे को लेकर शुरू हुई चर्चा के बीच खबर आई है कि इस बार उत्तर प्रदेश में विपक्षी गठबंधन गांधी परिवार के लिए चार सीटें छोड़ेगा। यानी इन चार सीटों पर कोई बातचीत नहीं होगी। पहले ऐसी दो सीटें होती थीं। समाजवादी पार्टी पहले रायबरेली और अमेठी सीट सोनिया और राहुल गांधी के लिए छोड़ी जाती थी। इस बार कहा जा रहा है कि पीलीभीत और सुल्तानपुर सीट भी वरुण और मेनका गांधी के लिए छोड़ी जाएगी।
जानकार सूत्रों के मुताबिक इस बार मेनका और वरुण गांधी भाजपा की टिकट पर चुनाव नहीं लड़ेंगे। पिछली बार चुनाव जीतने के बाद जब मेनका गांधी को मंत्री नहीं बनाया गया और वरुण गांधी को भी मौका नहीं मिला तभी से दूरी बढ़ने लगी थी। बाद में वरुण खुल कर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के फैसलों पर सवाल उठाने लगे। मेनका और वरुण गांधी एक तरह से भाजपा की राजनीति से दूर हो गए हैं। लेकिन यह संभावना कम है कि वे कांग्रेस या समाजवादी पार्टी के साथ जाएंगे। तभी कहा जा रहा है कि या तो दोनों निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे और विपक्षी गठबंधन का उनका समर्थन करेगा या वरुण कोई अपनी पार्टी बना सकते हैं, जिसके बैनर तले दोनों चुनाव लड़ेंगे। हालांकि पार्टी के बारे में अभी कोई सूचना नहीं है। अगर वरुण ने किसी के नाम पर अभी तक पार्टी पंजीकृत नहीं कराई होगी तो अब उसका समय निकल गया है। इसलिए संभव है कि दोनों निर्दलीय चुनाव लड़ें।