भारतीय जनता पार्टी इस बार अपने सभी बड़े नेताओं को चुनाव में उतारने की तैयारी कर रही है। बताया जा रहा है कि ऐसे तमाम केंद्रीय मंत्री, जो राज्यसभा के सदस्य हैं, उनको चुनाव लड़ाया जा सकता है। जो राज्यसभा सांसद पहले चुनाव लड़ते रहे हैं उनका लड़ना तो पक्का है ही साथ ही ऐसे सांसद, जिन्होंने पहले कभी लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा है, इस बार वे भी लड़ेंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पहले लोकसभा चुनाव लड़ते और हारते-जीतते रहे हैं। इस बार दोनों को चुनाव लड़ना है। वन व पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कभी लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा है। लेकिन इस बार वे भी चुनाव लड़ेंगे। राजस्थान या हरियाणा की किसी सीट से उनको चुनाव में उतारा जा सकता है। शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पिछली चुनाव अमृतसर से लड़ा था और हार गए थे। इस बार फिर वे चुनाव लड़ेंगे।
मनसुख मांडविया कभी लोकसभा का चुनाव नहीं लड़े हैं। हालांकि वे एक बार गुजरात विधानसभा का चुनाव लड़े और जीते थे। उसके बाद वे राज्यसभा में आए और उनका दूसरा कार्यकाल चल रहा है, जो अगले साल समाप्त होगा। वे गुजरात से लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी कभी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा है। पता नहीं उनको लड़ने के लिए कहा जाएगा या नहीं। वे राज्यसभा में सदन के नेता हैं। निर्मला सीतारमण, एस जयशंकर और अश्विनी वैष्णव ने भी कभी लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा है। अगर इनको लोकसभा चुनाव में उतारने पर विचार होता है तो इनके लिए चुनाव क्षेत्र खोजना होगा। पिछले चुनाव में राज्यसभा सांसद रविशंकर प्रसाद और स्मृति ईरानी चुनाव लड़े और जीते थे। इनके अलावा भाजपा अपने शासन वाले राज्यों के कुछ और राज्यसभा सांसदों को चुनाव में उतार सकती है। बाकी राज्यसभा सांसदों को अलग अलग लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रबंधन के काम में लगाया जाएगा।