बेंगलुरू में 18 जुलाई को होने वाली विपक्षी पार्टियों की बैठक में 25 पार्टियां हिस्सा लेंगी और उसी दिन दिल्ली में भाजपा के नेतृत्व में एनडीए की बैठक होगी, जिसमें दावा किया जा रहा है कि विपक्ष से ज्यादा पार्टियां शामिल होंगी। भाजपा के नेता इसके लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं और तमाम छोटी छोटी पार्टियों को तैयार किया जा रहा है कि वे 18 जुलाई की बैठक में हिस्सा लें। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस बैठक में शामिल होंगे। भाजपा अपनी तमाम नई और पुरानी सहयोगी पार्टियों को न्योता भेज रही है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओर से पार्टियों को न्योता भेजा जा रहा है और कई नेताओं के पास तो केंद्रीय मंत्री खुद न्योता लेकर जा रहे हैं। भाजपा यह सुनिश्चित करना चाहती है कि जितनी पार्टियों को बुलाया जाए, सब इस बैठक में शामिल हों।
एनडीए की बैठक में अकेले बिहार से चार पार्टियां हिस्सा लेंगी। चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास, जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल और मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी शामिल होगी। उत्तर प्रदेश से अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल सोनेलाल के अलावा संजय निषाद की निषाद पार्टी और ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी शामिल होगी। झारखंड से सुदेश महतो की आजसू शामिल होगी। हरियाणा से दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्ट और महाराष्ट्र से एकनाथ शिंदे की शिव सेना और अजित पवार की एनसीपी शामिल होगी। आंध्र प्रदेश से पवन कल्याण की जन सेना को न्योता भेजा गया है तो तमिलनाडु से अन्ना डीएमके के अलावा तमिल मनीला कांग्रेस और इंडिया मक्कल कलवी मुनेत्र कड़गम को बुलाया गया है। पूर्वोत्तर से असम की असम गण परिषद और यूपीपी के अलावा मेघालय से एनपीपी, नगालैंड से एनडीपीपी, त्रिपुरा से इंडिजेनस ट्राइबल पार्टी, सिक्किम से सिक्किम क्रांति मोर्चा, मिजोरम से मिजो नेशनल फ्रंट आदि एनडीए की बैठक में शामिल होंगे। भाजपा ने 16 जुलाई तक 20 पार्टियों को न्योता भेजा था और कुछ पार्टियां अभी न्योते का इंतजार कर रही थीं।