लोकसभा में पार्टियों के बीच सीटिंग अरेंजमेंट लगभग तय हो गया है। लोकसभा स्पीकर के कार्यालय ने सभी पार्टियों से नाम लेकर उनके बैठने की व्यवस्था की है। इस व्यवस्था के मुताबिक लोकसभा में कांग्रेस को अगली पंक्ति में चार सीटें मिलेंगी और समाजवादी पार्टी को दो सीटें मिलेंगी। हालांकि कांग्रेस के नेता पांच सीटों की मांग कर रहे थे लेकिन उनको चार ही सीट मिलेगी। 37 सांसदों वाली सपा फायदे में रही। उसे दो सीटें मिलेंगी। तृणमूल कांग्रेस और डीएमके को अगली पंक्ति में एक एक सीट मिलेगी। सरकार की सहयोगी पार्टियों में जनता दल यू और टीडीपी को भी एक एक सीट मिलेगी। इनके अलावा ज्यादातर सीटें भाजपा के सांसदों को आवंटित होंगी।
सवाल है कि समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव अगली पंक्ति में अपने साथ किसको बैठाएंगे? सीटों का आवंटन होने से पहले फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद उनके साथ आगे बैठते थे। कहा जा रहा है कि अब भी अखिलेश उन्हीं को तरजीह देंगे। आखिर उन्होंने फैजाबाद सीटी जीती है, जिसमें अयोध्या भी शामिल है। सपा और दूसरी विपक्षी पार्टियां उनको ट्रॉफी की तरह प्रस्तुत कर रही हैं। वे दलित समाज से आते हैं। सो, उनको महत्व देने से उत्तर प्रदेश में भाजपा को दलित वोट का भी फायदा हो सकता है। बहरहाल, कांग्रेस की चार सीटों पर आगे बैठने वालों के नाम लगभग तय है। सदन के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के साथ कांग्रेस संसदीय दल के उप नेता गौरव गोगोई आगे बैठेंगे। इनके अलावा सदन में कांग्रेस के मुख्य सचेतक के सुरेश और पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल को अगली लाइन में जगह मिलेगी।