लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी पर जिस तरह के आरोप लगा रहे हैं उनको देखते हुए यह हैरान करने वाला सवाल पैदा होता है कि आखिर उनकी सरकार ने अभी तक कांग्रेस पार्टी पर पाबंदी क्यों नहीं लगाई? जम्मू कश्मीर से लेकर कर्नाटक और केरल तक अनेक संस्थाओं और संगठनों पर सरकार ने जिन कारणों से पाबंदी लगाई है वो सारे कारण तो प्रधानमंत्री को कांग्रेस की गतिविधियों में दिख रहे हैं। फिर उन संगठनों पर रोक लग गई, जबकि कांग्रेस को अभी तक उन्होंने छोड़ा हुआ है! प्रधानमंत्री जिस तरह के आरोप कांग्रेस पर लगा रहे हैं अगर उनमें रत्ती भर भी सचाई तो कांग्रेस पर कार्रवाई नहीं करके प्रधानमंत्री मोदी देश की सुरक्षा, एकता और अखंडता को खतरे में डाल रहे हैं। उन्हें तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। कांग्रेस पर पाबंदी लगानी चाहिए और कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार कराना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि कांग्रेस और पाकिस्तान मिले हुए हैं। दोनों का गठबंधन एक्सपोज हो गया है। अगर कांग्रेस पार्टी देश के दुश्मन यानी पाकिस्तान से मिली हुई है और पाकिस्तान के लोग राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए उतावले हो रहे हैं या वहां के नेता चाहते हैं कि राहुल प्रधानमंत्री बनें तो क्या इसे रोकना सिर्फ आम मतदाता का काम है या सरकार का भी काम है? ध्यान रहे कुछ समय पहले कई कथित सबूतों के आधार पर भारतीय जनता पार्टी ने दावा किया था कि कांग्रेस और चीन की मिलीभगत पूरी तरह से एक्सपोज हो गई है। भाजपा ने कहा था कि कांग्रेस को चीन से फंडिंग होती है। चीन से मिलीभगत के आधार पर गांधी परिवार को कठघरे में खड़ा किया गया था। सवाल है कि जब चीन और पाकिस्तान देश के दुश्मन हैं और उनके साथ कांग्रेस की मिलीभगत है तो सरकार और केंद्रीय एजेंसियों को क्या इसे रोकने का उपाय नहीं करना चाहिए? क्या यह सिर्फ चुनावी भाषण का विषय है? अगर इतने आरोपों के बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही है तो इसका मतलब है कि प्रधानमंत्री की ओर से लगाए गए आरोपों में कोई दम नहीं है।
सिर्फ चीन और पाकिस्तान का मामला नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी की ओर से भारत विरोधी के तौर पर ब्रांड किए गए जॉर्ज सोरोस के साथ भी राहुल गांधी और कांग्रेस के संबंध बताए जाते हैं। भारत में जब भी कोई प्रदर्शन या आंदोलन होता है तो कहा जाता है कि जॉर्ज सोरोस के संगठन ने उसकी फंडिंग की है। कई झूठी, सच्ची तस्वीरों के जरिए यह साबित करने का प्रयास किया गया है कि राहुल गांधी अपनी अमेरिका और ब्रिटेन की यात्राओं में देश विरोधी लोगों से मिलते हैं। किसी की फोटो दिखा कर बताया जाता है कि यह अमुक व्यक्ति है, जो अमुक व्यक्ति से जुड़ा है और वह अमुक व्यक्ति भारत विरोधी संगठन चलाता है। परंतु न तो कोई एजेंसी इसकी जांच करती है और न कोई कार्रवाई होती है। सिर्फ राजनीतिक कार्यक्रमों या चुनावी सभाओं में इसके आरोप लगाए जाते हैं।