बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी आकाश आनंद दोनों इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के ऊपर जम कर हमला कर रहे हैं। भाजपा और आरएसएस दोनों को निशाना बना रहे हैं। इतना ज्यादा निशाना बना रहे हैं कि आचार संहिता के उल्लंघन का नोटिस मिल रहा है। सवाल है कि अचानक भाजपा के खिलाफ मायावती और आकाश आनंद के हमले का क्या मतलब है? ध्यान रहे आकाश आनंद को वाई श्रेणी की सुरक्षा केंद्र की ओर से मिली हुई है। तभी बसपा के नेता क्यों अचानक भाजपा पर हमलावर हो गए इस सवाल का जवाब इस तथ्य में छिपा है कि पार्टी ने 20 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। पश्चिम से लेकर पूरब तक बसपा ने हर बार से ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवार दिए हैं। यहां तक की योगी आदित्यनाथ की सीट रहे गोरखपुर में भी बसपा का मुस्लिम उम्मीदवार है, वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी मुस्लिम उम्मीदवार है और लखनऊ में राजनाथ सिंह के खिलाफ भी मायावती का मुस्लिम उम्मीदवार है।
इस देख कर समझना मुश्किल नहीं है कि मायावती का क्या दांव है। वे भाजपा के बड़े नेताओं के खिलाफ मुस्लिम उम्मीदवार उतार कर मुस्लिम वोट का बंटवारा चाहती हैं ताकि भाजपा उम्मीदवारों को फायदा मिले। राज्य के बाकी हिस्सों में भी उनके बड़ी संख्या में मुस्लिम उम्मीदवार देने का मकसद यही दिख रहा है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि मायावती ने कई सीटों पर पहले हिंदू उम्मीदवार उतारे थे और उनको मजबूत माना जा रहा था। लेकिन बाद में उनकी टिकट काट कर मायावती ने मुस्लिम उम्मीदवार उतारे। मायावती ने सबसे दिलचस्प काम उन सीटों पर किया है, जहां मुलायम सिंह के परिवार के सदस्य लड़ रहे हैं। उन सबके खिलाफ भी मायावती ने मुस्लिम उम्मीदवार जरूर उतारा है।
आजमगढ़ सीट पर मायावती ने दो बार टिकट बदला और अब मशहूद अहमद को टिकट दिया गया है। इससे पहले सबिहा अंसारी को टिकट दिया गया था और उनसे पहले भीम राजभर को उम्मीदवार बनाया गया था। माना जा रहा है कि भीम राजभर भाजपा का वोट काटते। गौरतलब है कि आजमगढ़ सीट पर उपचुनाव में मायावती ने गुड्डू जमाली को उतारा था, जिनको ढाई लाख से ज्यादा वोट मिले थे और सपा के धर्मेंद्र यादव 11 हजार वोट से हार गए थे। बहरहाल, मायावती ने फिरोजाबाद सीट पर सत्येंद्र जैन की टिकट काट कर चौधरी बशीर को दिया है। कहने की जरुरत नहीं है कि सत्येंद्र जैन भाजपा का वोट काटते। अब चौधरी बशीर सपा के वोट में नुकसान करेंगे। इस सीट पर सपा के महासचिव रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे ही बदायूं सीट पर, जहां शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव चुनाव लड़ रहे हैं वहां से मायावती ने मुस्लिम खान को टिकट दिया है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ कन्नौज सीट पर मायावती ने इमरान बिन जफर को उम्मीदवार बनाया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तो बसपा के असर वाली ज्यादातर सीटों पर चुनाव हो गया लेकिन अवध से लेकर पूर्वांचल तक मायावती ने सपा के मजबूत असर वाले इलाकों में मुस्लिम उम्मीदवार उतारा है। हालांकि सपा और कांग्रेस के नेता इसे लेकर ज्यादा चिंता में नहीं हैं। उनका कहना है कि इस बार मुस्लिम वोट नहीं बंटने वाला है।