महाराष्ट्र लड़ाई का पाला खींच गया है। एक तरफ कांग्रेस, उद्धव ठाकरे और शरद पवार का गठबंधन है तो दूसरी ओर भाजपा, एकनाथ शिंदे और अजित पवार का गठबंधन है। पहले गठबंधन में यानी महा विकास अघाड़ी में उद्धव ठाकरे की जिम्मेदारी प्रकाश अंबेडकर को संभालने की है तो शरद पवार किसी तरह से राजू शेट्टी को एडजस्ट करेंगे।
उद्धव ठाकरे ने वंचित बहुजन अघाड़ी के नेता प्रकाश अंबेडकर से बात की थी और उनको दो सीटें देने का वादा किया था। वे सीट बंटवारे के लिए हुई बैठकों में शामिल भी हुए थे। लेकिन अभी तक फैसला नहीं हो पाया है।
कहा जा रहा है कि उन्होंने महाविकास अघाड़ी के नेताओं के सामने ऐसी शर्त रख दी, जिसे मानने को कोई तैयार नहीं है। शरद पवार और उद्धव ठाकरे गुट के नेताओं को इस शर्त से ज्यादा समस्या है। प्रकाश अंबेडकर चाहते हैं कि गठबंधन में सीट बंटवारे की फाइनल घोषणा से पहले सारे नेता लिखित वादा करें कि वे चुनाव के बाद भाजपा के साथ नहीं जाएंगे।
उनकी इस शर्त ने सबको हैरान किया। राजनीति में इस तरह का लिखित वादा कौन कर सकता है। तभी उद्धव ठाकरे गुट ने इससे इनकार कर दिया। संजय राउत ने तो इसे फालतू का आइडिया बताया। हालांकि शरद पवा गुट के जितेंद्र अव्हाड इसके लिए तैयार हो गए। लेकिन ज्यादातर नेता इसका विरोध कर रहे हैं।