प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण से पहले मुस्लिम आरक्षण की बात खुल कर करनी शुरू कर दी है। उन्होंने यहां तक कहा है कि उनके जीवित रहते धर्म के आधार पर मुसलमानों को आरक्षण नहीं मिल सकता है। वे लगातार यह बात कह रहे हैं। इससे पहले वे कह रहे थे कि कांग्रेस आएगी तो एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण छीन कर मुसलमानों को दे देगी। अब इससे आगे बढ़ कर वे कह रहे हैं कि उनके जीवित रहते ऐसा नहीं होगा। मुस्लिम आरक्षण को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के बयान से कम से कम दो राज्यों में भाजपा की सहयोगी पार्टियों की मुश्किल बढ़ी है। आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में कांग्रेस की तीन सहयोगी पार्टियों की चिंता बढ़ी है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में भाजपा के सहयोगी अजित पवार ने मुसलमानों के लिए चार फीसदी आरक्षण की बात कही है। उनको पता है कि उन्हें गठबंधन में जो भी चार सीटें मिली हैं वह जीतने के लिए कुछ मुस्लिम वोट की जरुरत होगी। तभी उन्होंने आरक्षण की बात कही। लेकिन मोदी की टिप्पणी के बाद यह रास्ता बंद हो गया है। इसी तरह आंध्र प्रदेश में भाजपा की दोनों सहयोगी पार्टियां, तेलुगू देशम पार्टी और जन सेना पार्टी भी मुस्लिम आरक्षण के समर्थक रहे हैं। उनको भी लग रहा है कि जगन मोहन रेड्डी को हराने के लिए कुछ मुस्लिम वोट की जरुरत होगी। दूसरी ओर भाजपा को उत्तर और पश्चिमी राज्यों में हिंदू ध्रुवीकरण की जरुरत महसूस हो रही है। इसलिए मुस्लिम आरक्षण की बात जोर शोर से उठाई जा रही है।