वैसे विरोधाभास तो कांग्रेस और लेफ्ट की राजनीति का भी बहुत बड़ा है। दोनों पार्टियां केरल में एक दूसरे के खिलाफ घमासान लड़ाई लड़ रही हैं, जबकि देश के बाकी हिस्सों में उनके साथ लड़ने की तैयारी है। लेकिन वहां का विरोधाभास ज्यादा नहीं दिखाई देगा क्योंकि केरल से उत्तर या पूर्वी भारत के बाकी राज्यों में भौगोलिक दूरी बहुत है। Lok Sabha election 2024
लेकिन कांग्रेस और आम आदमी पार्टी तो पंजाब में एक दूसरे को गालियां दे रहे हैं, चोर-बेईमान ठहरा रहे हैं और उससे सटे हरियाणा व दिल्ली में एक साथ चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में दोनों पार्टियों का प्रचार कैसे होगा और वे कैसे आम लोगों के बीच कोई भी राजनीतिक मैसेज बनवा पाएंगे?
गौरतलब है कि दोनों पार्टियों ने साझा सहमति से पंजाब में अलग अलग लड़ने का फैसला किया, जबकि हरियाणा में कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के लिए कुरुक्षेत्र की सीट छोड़ी। दिल्ली की सात सीटों में से चार पर आप और तीन पर कांग्रेस को लड़ना है। सो, हरियाणा और दिल्ली में दोनों पार्टियों के नेता साझा प्रचार करेंगे और एक दूसरे की तारीफ करेंगे। Lok Sabha election 2024
लेकिन बगल के राज्य पंजाब में दोनों एक दूसरे पर हमला कर रहे हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पिछले दिनों कांग्रेस के बड़े नेताओं, प्रताप सिंह बाजवा और नवजोत सिंह सिद्धू को निशाना बनाया। कांग्रेस नेता राज्य की आप सरकार पर भ्रष्टाचार और वादाखिलाफी के आरोप लगा रहे हैं। सवाल है कि पंजाब में दोनों कैसे लोगों को यकीन दिलाएंगे कि वे एक दूसरे के विरोधी हैं और हरियाणा व दिल्ली में कैसे यकीन दिलाएंगे कि वे एक दूसरे के साथ हैं?