कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के बीच वैसे तो बड़ा सद्भाव है। दोनों बड़ी कम्युनिस्ट पार्टियों के नेता- सीताराम येचुरी और डी राजा के साथ राहुल गांधी के बहुत अच्छे संबंध हैं। दोनों पार्टियां विपक्षी गठबंधन की समर्थक हैं। लेकिन यह दोस्ती केरल से बाहर है। केरल में दोनों पार्टियों के बीच घमासान चल रहा है। पिछले दिनों सीपीएम के नेता और मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन के ऊपर जूता फेंका गया तो सीपीएम ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने यह काम किया है। जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैस वैसे दोनों पार्टियों में झगड़ा बढ़ता जा रहा है। सवाल है कि यह झगड़ा असली है या दिखावटी है? कहीं ऐसा तो नहीं है कि दोनों पार्टियां आपस में घमासान लड़ाई इसलिए कर रही हैं ताकि तेजी से उभर रही भाजपा के लिए अवसर नहीं बन पाए?
बहरहाल, सीपीएम और कांग्रेस में कोई भी केरल में तालमेल नहीं करना चाहता है क्योंकि अगर दोनों पार्टियां साथ मिल कर लड़ेंगी तो विपक्ष का पूरा स्पेस भाजपा को मिल जाएगा। इसलिए दोनों को अलग अलग लड़ना है। लेकिन उसमें भी सीपीएम के नेता चाहते हैं कि राहुल गांधी वायनाड सीट से नहीं लड़ें। गौरतलब है कि पिछली बार राहुल वायनाड सीट लड़े थे और इसका नतीजा यह हुआ था कि कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूडीएफ राज्य की 20 में से 19 सीटों पर जीता। हालांकि विधानसभा चुनाव में फिर से सीपीएम ने सरकार बना ली थी। केरल में सीपीएम की कमान पूर्व महासचिव प्रकाश करात और उनके करीबियों के हाथ में है इसलिए येचुरी ज्यादा कुछ कर नहीं सकते हैं। दोनों पार्टियां किस तरह से यह विवाद सुलझाती हैं यह देखने वाली बात होगी।