केरल में शुक्रवार को जब राज्य की सभी 20 लोकसभा सीटों पर मतदान हो रहा था उसी समय सीपीएम की केंद्रीय समिति के सदस्य और केरल में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट यानी एलडीए के संयोजक ईपी जयराजन को लेकर खबर आई कि वे भाजपा में शामिल होने के लिए भाजपा नेताओं से बातचीत कर रहे थे। सीपीएम की नेता शोभा सुरेंद्रन ने पहले ही यह बात कही थी लेकिन शुक्रवार को इसकी पुष्टि हो गई। भाजपा के नेता प्रकाश जावडेकर ने खुद इस बात की पुष्टि कर दी कि ईपी जयराजन उनसे मिले थे। इस खबर की पुष्टि होने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने अपने नेताओं को सावधान रहने की सलाह दी।
कांग्रेस के नेता इससे खुश हैं। असल में कांग्रेस नेता पहले से आरोप लगा रहे थे कि केरल में कम्युनिस्ट पार्टी ने कांग्रेस को हराने के लिए भाजपा से हाथ मिला लिया है। राहुल गांधी ने खुद आरोप लगाया था कि पिनरायी विजयन इसलिए नहीं गिरफ्तार हो रहे हैं क्योंकि वे भाजपा से मिल गए हैं। बाद में प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी यही आरोप दोहराया। तभी शुक्रवार को मतदान शुरू होते ही जैसे ही यह मुद्दा सामने आया वैसे ही कांग्रेस नेताओं ने इसे लपक लिया और इसका प्रचार शुरू कर दिया। कांग्रेस को मुस्लिम और ईसाई मतदाताओं के बीच प्रचार करने का मौका मिला कि सीपीएम के नेता भाजपा से मिले हैं। सो, लोकसभा चुनाव में सीपीएम की संभावना पर इसका असर हुआ और कांग्रेस नेता मान रहे हैं कि उनको फायदा हुआ है।