भारतीय जनता पार्टी के नेता भले कुछ भी कहें लेकिन हकीकत यह है कि कर्नाटक में एचडी देवगौड़ा परिवार यानी उनके बड़े बेटे एचडी रेवन्ना और पोते प्रज्ज्वल रेवन्ना के बारे में भाजपा के शीर्ष नेताओं को सब कुछ मालूम था। वे उनकी करतूतों के बारे में जानते थे भले उनकी वीडियो नहीं देखी हो। इसके बावजूद भाजपा ने जेडीएस के साथ तालमेल किया था। पिछले साल मई में हुए विधानसभा चुनाव में एचडी रेवन्ना के खिलाफ चुनाव लड़े भाजपा के नेता देवराजी गौड़ा ने पार्टी को रेवन्ना के बारे में जानकारी दी थी। उन्होंने खुद कहा है कि पार्टी के नए अध्यक्ष यानी बीएस येदियुरप्पा के बेटे बीवाई विजयेंद्र को भी उन्होंने बताया था कि रेवन्ना और उनके बेटे पर कई महिलाओं के यौन शोषण का आरोप है और उनके कई वीडियो सामने आए हैं। इसके बावजूद सबने चुप्पी साधे रखी।
इसमें संदेह नहीं है कि भाजपा की प्रदेश ईकाई को रेवन्ना और उनके सांसद बेटे प्रज्ज्वल के बारे में जानकारी थी। पता नहीं प्रदेश नेतृत्व ने पार्टी आलाकमान यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस बारे में जानकारी दी थी या नहीं। लेकिन सवाल है कि क्या प्रदेश नेतृत्व को इसका विरोध नहीं करना चाहिए था? गौरतलब है कि जेडीएस सांसद प्रज्ज्वल पर तीन हजार के करीब महिलाओं के यौन शोषण का आरोप है और कहा जा रहा है कि वे देश छोड़ कर भाग गए हैं। इतनी बड़ी घटना के बारे में जानते हुए भी कैसे भाजपा ने तालमेल किया? जानकार सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बड़ी जीत के बाद भाजपा को लग रहा था कि अगर वोक्कालिगा वोट साथ नहीं आया तो लोकसभा में भी बड़ा नुकसान होगा। इसलिए देवगौड़ा परिवार के साथ सीधे शीर्ष स्तर से तालमेल हुआ। इतना ही नहीं प्रज्ज्वल को टिकट भी दी गई। अब उनको पार्टी से निकालने की बात का कोई मतलब नहीं रह गया है।