झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह जुमला गढ़ा है कि भाजपा ने उनके पीछे सात मुख्यमंत्री छोड़ रखे हैं और एक प्रधानमंत्री खुद हैं। हालांकि जो सात नाम वे लेते हैं उनमें से छह लोग पूर्व मुख्यमंत्री हैं। फिर भी हेमंत की टीम ने लोगों की जुबान पर चढ़ जाने वाले जुमले गढ़े हैं। जैसे सात मुख्यमंत्री या हेमंत बनाम हिमंता। गौरतलब है कि असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा झारखंड में चुनाव के सह प्रभारी हैं। चुनावी प्रभारी शिवराज सिंह चौहान हैं लेकिन असल में कमान हिमंता सरमा ही संभाल रहे हैं। तभी हेमंत ने अपना मुकाबला उनसे बताया है।
हेमंत सोरेन जिन मुख्यमंत्रियों या पूर्व मुख्यमंत्रियों की बात कर रहे हैं उनमें मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हैं, जो अभी केंद्र सरकार में कृषि और ग्रामीण विकास जैसे दो भारी भरकम मंत्रालयों के मंत्री हैं। उनके अलावा पांच पूर्व मुख्यमंत्री झारखंड के हैं। झारखंड में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी थे, जो अभी प्रदेश अध्यक्ष हैं। दूसरे मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा थे, जो अभी भाजपा के प्रमुख नेताओं में से एक हैं। भाजपा के तीसरे मुख्यमंत्री रघुबर दास थे, जो अभी ओडिशा के राज्यपाल हैं। हेमंत सोरेन का कहना है कि ओडिशा का राजभवन भी झारखंड के चुनाव का एक केंद्र बना है। इन तीन के अलावा दो पूर्व मुख्यमंत्री दूसरी पार्टियों से लाए गए हैं। जेएमएम के मुख्यमंत्री रहे चम्पई सोरेन और निर्दलीय मुख्यमंत्री रहे मधु कोड़ा भी अब भाजपा में हैं। इस तरह छह पूर्व मुख्यमंत्री और एक मुख्यमंत्री झारखंड के चुनाव में हेमंत के खिलाफ सक्रिय हैं। इनके अलावा ओडिशा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भी झारखंड में प्रचार कर रहे हैं।