जेल में बंद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ रही हैं। उनकी पत्नी कल्पना सोरेन सक्रिय राजनीति में उतर गई हैं। उन्होंने गिरिडीह से सक्रिय राजनीति का आगाज किया। वे पार्टी के स्थापना दिवस के कार्यक्रम में शामिल हुईं, जिसके बाद जेएमएम की राज्यसभा सांसद महुआ माझी ने कहा कि कल्पना सोरेन गांडेय विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी। Jharkhand politics Hemant soren
उस सीट से इस्तीफा देने वाले जेएमएम विधायक सरफराज अहमद भी इस मौके पर कार्यक्रम में शामिल थे। पर मुश्किल यह है कि सरफराज अहमद को सीट खाली किए हुए तीन महीने हो गए हैं और उसी समय राज्य चुनाव कार्यालय की ओर से चुनाव आयोग को सीट खाली होने की सूचना दे दी गई थी। परंतु आयोग ने उपचुनाव की घोषणा नहीं की।
अगले कुछ दिन में लोकसभा के चुनावों की घोषणा होनी है। जेएमएम नेताओं को उम्मीद है कि लोकसभा के साथ ही चुनाव आयोग गांडेय सीट पर उपचुनाव की घोषणा कर सकता है। ध्यान रहे इस साल के अंत में झारखंड का चुनाव भी होना है तभी हो सकता है कि आयोग उपचुनाव नहीं कराए। अगर उपचुनाव नहीं हुआ तो कल्पना सोरेन को विधायक बनने के लिए दिसंबर तक इंतजार करना होगा। हेमंत सोरेन की योजना के हिसाब से अगर कल्पना सोरेन जल्दी विधायक बन जातीं तो चम्पई सोरेन की जगह उनको मुख्यमंत्री बनाया जाना था।
सरकार के कामकाज में जिस तरह से चम्पई सोरेन स्वतंत्र होकर फैसले करने लगे हैं उससे भी हेमंत सोरेन और उनके करीबियों की चिंता बढ़ी है। बताया जा रहा है कि हेमंत को छोटे भाई बसंत सोरेन की शह पर चम्पई सोरेन स्वतंत्र फैसले कर रहे हैं। अगर यह स्थिति ज्यादा दिन तक रही तो पार्टी के अंदर हेमंत सोरेन की स्थिति कमजोर होगी।
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