कम ही राज्य होंगे, जहां भाजपा के पास झारखंड जितने पूर्व मुख्यमंत्री होंगे। झारखंड जैसे छोटे राज्य के चार पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा में है। नए राज्य में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और दूसरे मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा सक्रिय राजनीति में हैं। रघुवर दास ओडिशा के राज्यपाल बन गए हैं लेकिन राज्य की राजनीति में पूरी दिलचस्पी रखते हैं। इन तीन के बाद मधु कोड़ा भी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से भाजपा से जुड़ गए हैं। माना जा रहा है कि इस बार भाजपा की ओर से बाबूलाल मरांडी मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं और सरकार बनी तो वे सीएम बनेंगे। इसके बावजूद दावेदारों की संख्या बढ़ती ही जा रही है।
भाजपा के कई जानकार नेता कह रहे हैं कि सरकार बनी तो किसी नए चेहरे को सीएम बनाया जाएगा। सो, नए चेहरों की भरमार हो गई है। सबसे नया चेहरा विधायक दल के नेता अमर बाउरी का है। वे दलित समुदाय के हैं और मान रहे हैं कि आदिवासी और पिछड़े दोनों वर्ग के मुख्यमंत्रियों के बाद अब एससी समुदाय के सीएम की बारी है। वे नेता प्रतिपक्ष हैं तो अपने को स्वाभाविक दावेदार मान रहे हैं। आदिवासी समाज से नीलकंठ मुंडा और समीर उरांव के चेहरे की चर्चा है तो सामान्य वर्ग से निशिकांत दुबे और अनंत ओझा दावेदार हैं।