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बागियों को मनाना सबसे बड़ा सिरदर्द

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झारखंड में भारतीय जनता पार्टी के सामने सबसे बड़ा सिरदर्द बागी उम्मीदवारों को मनाने का है। चुनाव के सह प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा ने जिस दिन पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र राय को मनाया था उस दिन उन्होंने कहा था कि भाजपा को तो सिर्फ दो सीटों पर समस्या है लेकिन जेएमएम और कांग्रेस को तो हर सीट पर समस्या है। असल में इसका उलटा हो रहा है। भाजपा को हर सीट पर समस्या दिख रही है। खुद हिमंता सरमा भागदौड़ करके नाराज नेताओं को मना रहे हैं। रविंद्र राय बागी नहीं हों इसके लिए उनको शिवराज सिंह चौहान और सरमा दोनों ने जाकर मनाया और उनको प्रदेश का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। इससे पहले जमशेदपुर की दोनों सीटों पर सब कुछ ठीक करने के प्रयास में अमरप्रीत सिंह काले को मनाया गया और उनको झारखंड प्रदेश का प्रवक्ता बनाया गया।

भाजपा के नेता कमलेश राम ने कांके की सुरक्षित सीट पर नामांकन कर दिया तो हिमंत सरमा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश उनके यहां भी पहुंचे। कमलेश राम को नाम वापसी के लिए मनाया गया। पार्टी के एक अन्य नेता निरंजन राय ने राज धनवार सीट पर बाबूलाल मरांडी के  सामने नामांकन का ऐलान किया तो भाजपा के गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे उनको मनाने उनके घर गए। चारों तरफ से निरंजन राय पर दबाव बनाया जा रहा है कि वे नामांकन न करें। केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्ण देवी ने उनको मनाने का जिम्मा लिया है। ऐसे ही पांकी सीट पर विनोद सिन्हा ने निर्दलीय नामांकन कर दिया है। भाजपा के नेता उनको मनाने में लगे हैं क्योंकि उनको लग रहा है कि अगर विनोद सिन्हा लड़े तो भाजपा प्रत्याशी शशिभूषण मेहता के लिए मुश्किल होगी। दोनों एक जाति से आते हैं। ऐसे ही राज पालिवार को मनाने में भाजपा नेता लगे हैं तो बरकट्ठा सीट पर नामांकन कर चुकीं कुमकुम देवी को भी मनाने का भी प्रयास चल रहा है। गणेश महली तो बागी होकर जेएमएम में चले गए और जेएमएम ने उनको चम्पई सोरेन के खिलाफ टिकट भी दे दिया।

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