झारखंड में भारतीय जनता पार्टी घर ठीक करने की कवायद कर रही है। कई राज्यों में पार्टी के नेताओं की बगावत या नाराजगी से हुए नुकसान को ध्यान में रखते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता मान मनौव्वल में लगे हैं। नाराज नेताओं को मनाया जा रहा है और पार्टी से दूर चले गए नेताओं को वापस लाकर संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा रही है। इसकी शुरुआत सरयू राय से हुई थी। पिछले चुनाव में टिकट कटने से नाराज सरयू राय तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुबर दास के खिलाफ लड़ गए थे और उनको हरा दिया था। तब से सरयू राय पार्टी से बाहर थे। लेकिन ऐन चुनाव से पहले भाजपा के आला नेताओं की सहमति से उनको जनता दल यू में शामिल कराया गया और उनकी पुरानी जमशेदपुर पश्चिम सीट जनता दल यू के लिए छोड़ी गई ताकि वे वहां से लड़े।
उनके साथ ही जमशेदपुर के नेता और पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अमरप्रीत सिंह काले भी पार्टी से दूर हो गए थे। उन पर भी चुनाव में रघुबर दास के खिलाफ काम करने के आरोप लगे थे। लेकिन अब उनकी भी एंट्री पार्टी में हो गई है। उनको भाजपा का प्रदेश प्रवक्ता बनाया गया है। जमशेदपुर पूर्वी सीट पर अच्छा असर रखने वाले अमरप्रीत सिंह काले की मुलाकात भाजपा उम्मीदवार और रघुबर दास की बहू पूर्णिमा दास से हुई है और अब वे उनकी मदद करेंगे। इसी तरह निर्दलीय लड़ने के लिए ताल ठोक रहे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र राय को भी भाजपा के चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह और सह प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा ने घर जाकर मनाया। हालांकि अब भी भाजपा के अनेक नेता नाराज हैं लेकिन जो नेता नतीजों को प्रभावित कर सकते हैं उनको मनाया जा रहा है।