विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिस तरह से अलग थलग हुए और अपनी खीज निकाली उससे विपक्ष के कई नेता चिंतित हैं। इस बैठक के तुरंत बाद जदयू ने दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाने का ऐलान कर दिया। जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 29 दिसंबर को होने वाली है। इस बैठक को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। इसे कई दूसरी चीजों से जोड़ा जा रहा है। ध्यान रहे राज्य में जदयू और उसकी सहयोगी राजद के बीच दूरी बढ़ी है। पिछले कुछ समय से तेजस्वी यादव ने दूरी बनाई है। वे बिहार में हुए निवेशक सम्मेलन में भी शामिल नहीं हुए थे।
उसके बाद विपक्षी गठबंधन की बैठक में शामिल होने के लिए लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव अलग दिल्ली पहुंचे और नीतीश अलग से दिल्ली आए। इससे पहले सब एक साथ बैठक के लिए जाते थे। दिल्ली की बैठक में नीतीश ने हिंदी को लेकर डीएमके नेता टीआर बालू पर भाषण झाड़ा और विपक्षी गठबंधन को भाजपा की तर्ज पर भारत नाम अपनाने की सलाह दे दी। तभी यह आशंका जताई जा रही है कि कहीं नीतीश फिर से पाला बदलने की तैयारी तो नहीं कर रहे हैं? यह अंदाजा उनको हो गया है कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में उनको कोई बड़ी जगह नहीं मिलने वाली है। बहरहाल, जदयू का नया अध्यक्ष चुनने की बात कही जा रही है और यह भी कहा जा रहा है कि गठबंधन के बारे में फैसला करने के लिए नीतीश कुमार को अधिकृत करने का फैसला हो सकता है। ध्यान रहे राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के अलावा नीतीश की पार्टी की अगली पंक्ति के सारे नेता राजद से तालमेल खत्म करके भाजपा के साथ जाने को तैयार हैं।