ऐसा लग नहीं रहा है कि जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल होने जा रहा है। भाजपा ने दो साल से ज्यादा समय की तैयारी के बाद चुनाव लड़ा था और बड़े तिकड़म किए थे। फिर भी वह सरकार बनाने लायक बहुमत नहीं हासिल कर पाई। परिसीमन में सीटों के भूगोल में बदलाव का फायदा तो उसको जम्मू में मिला, जहां वह पिछली बार की 25 सीटों के मुकाबले 29 जीत गई। लेकिन एसटी आरक्षण का लाभ नहीं मिला। बहरहाल, चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दो टूक अंदाज में कहा था कि भाजपा ही राज्य का दर्जा बहाल कर सकती है इसलिए बाकी पार्टियों के दावे का कोई मतलब नहीं है।
तभी उमर अब्दुल्ला ने नतीजों के बाद इसकी याद दिलाई और कहा कि क्या अब प्रधानमंत्री अपना वादा पूरा करेंगे? प्रधानमंत्री अपना वादा पूरा कर सकते हैं लेकिन जम्मू कश्मीर का दर्जा पूर्ण राज्य का नहीं होगा। कम से कम अभी तुरंत उसे पूर्ण राज्य नहीं बनाया जाएगा। वह दिल्ली और पुड्डुचेरी की तरह अर्ध राज्य रहेगा, जहां शासन संभालने का काम मुख्य रूप से उप राज्यपाल करेंगे। सुरक्षा के नाम पर या आतंकवादियों के खिलाफ चल रहे अभियान के नाम पर या किसी और नाम पर सरकार अभी पूर्ण राज्य का दर्जा रोके रहेगी। हां, यह जरूर है कि अब जम्मू कश्मीर केंद्र शासित राज्य नहीं रहेगा। वह दर्जा बदल जाएगा। लेकिन वहां राज्यपाल नहीं नियुक्त होंगे और उप राज्यपाल की सत्ता बनी रहेगी। संभव है कि आने वाले दिनों में राज्य में नया उप राज्यपाल नियुक्त हो।