संसद के शीतकालीन सत्र का आखिरी हफ्ते सोमवार को शुरू होगा। 20 दिसंबर तक सत्र चलना है। क्या इन आखिरी पांच दिनों में जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव संसद में आएगा? किसी को इसका अंदाजा नहीं है। संसद सत्र शुरू होने से पहले सरकार की बुलाई सर्वदलीय बैठक के बाद सरकार की ओर से प्रस्तावित विधायी कामकाज की जो जानकारी दी गई थी उसमें जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा देने का मुद्दा नहीं था। लेकिन तब कहा गया था कि उसे बाद में शामिल किया जा सकता है। उस समय ‘एक देश, एक चुनाव’ का मुद्दा भी प्रस्तावित कार्यसूची में नहीं था। लेकिन कैबिनेट की मंजूरी के बाद माना जा रहा है कि इसे इसी सत्र में पेश किया जाएगा।
परंतु जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव अभी तक कार्यसूची में नहीं है। तभी इस पर संशय पैदा हो गया है। केंद्रीय मंत्री और जम्मू कश्मीर के सांसद जितेंद्र सिंह ने इस मामले में स्पष्टीकरण दिया तो उससे मामला और उलझ गया। उन्होंने कहा कि सही समय पर जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल होगा और यह वादा सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है। अब सवाल है कि वादा पूरा करने की कोई समय सीमा भी है? यह भी सवाल है कि सही समय कब आएगा? राज्य में विधानसभा का चुनाव होगा, सरकार बन गई, चुनी हुई सरकार ने विधानसभा में राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव पास कर दिया, उप राज्यपाल ने उसकी मंजूरी भी दे दी फिर भी अगर इस सत्र में प्रस्ताव नहीं पास होता है तो फिर बजट सत्र का इंतजार करना होगा।