Bangladesh की सरकार भारत सरकार की नाराजगी संज्ञान नहीं ले रही है। भारत सरकार ने हिंदू संतों की गिरफ्तारी को लेकर आधिकारिक रूप से नाराजगी जताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बयान जारी करके हिंदू संतों की गिरफ्तारी का आलोचना की और अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा करने को कहा। बाद में खबर आई कि सरकार के शीर्ष स्तर पर इसका संज्ञान लिया गया है और तभी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करके उनको इसकी जानकारी दी। यानी प्रधानमंत्री खबर रख रहे हैं और तब भी बांग्लादेश ने इस्कॉन के गिरफ्तार धर्मगुरू चिन्मय प्रभु को रिहा नहीं किया है और उलटे दो और लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
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इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने कहा है कि गिरफ्तार किए गए संत चिन्मय प्रभु के सचिव को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि Bangladesh पुलिस कह रही है कि वे लापता हैं और पुलिस उनकी तलाश कर रही है। बताया जा रहा है कि वे जेल में बंद चिन्मय प्रभु के लिए प्रसाद लेकर गए थे और उसके बाद से लापता हैं। हालांकि हिंदू समुदाय बांग्लादेश पुलिस के दावे को खारिज कर रहा है। राधारमण दास ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा है कि चिन्मय प्रभु को प्रसाद देकर लौट रहे दो ब्रह्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस्कॉन की ओर से बार बार ब्रह्मचारियों को परेशान नहीं करने की अपील की जा रही है और भारत सरकार तो नाराजगी जता ही रही है लेकिन बांग्लादेश सरकार को इसकी परवाह नहीं दिख रही है।