दिल्ली के उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने तय किया कि इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर छत्रसाल स्टेडियम में होने वाले ध्वजारोहण कार्यक्रम में दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत झंडा फहराएंगे। इससे पहले जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चिट्ठी लिख कर कहा था कि छत्रसाल स्टेडियम में आतिशी झंडा फहराएंगी। उन्होंने एक तरह से सरकार के अंदर आतिशी को नंबर दो स्थान दे दिया था। साथ ही यह भी मैसेज बनवा दिया था कि पार्टी महिला को तरजीह दे रही है। लेकिन जैसा कि हर बार उप राज्यपाल सरकार का फैसला पलटते हैं, इस बार भी उन्होंने सरकार का फैसला पलट दिया और गहलोत को झंडा फहराने का जिम्मा दिया।
एलजी का यह फैसला सिर्फ इसलिए नहीं हुआ है कि उनको केजरीवाल का फैसला पलटना था। इसका बड़ा राजनीतिक अर्थ भी देखा जा रहा है। गौरतलब है कि कैलाश गहलोत राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहने वाले मंत्री हैं। वे चुपचाप सरकार का काम करते हैं। दूसरे, पिछले कुछ दिनों से कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में उन्होंने उप राज्यपाल के साथ मंच साझा किया है। तभी कहा जा रहा है कि उप राज्यपाल ने आम आदमी पार्टी के अंदर मंत्रियों और नेताओं के बीच दूरी बढ़ाने के मकसद से कैलाश गहलोत का नाम आगे बढ़ाया है। ध्यान रहे मनीष सिसोदिया के जेल से छूटने के बाद आम आदमी पार्टी के अंदर गुटबाजी बढ़ने की संभावना पहले से जताई जा रही थी। अब स्वतंत्रता दिवस पर गहलोत सलामी लेते हैं और झंडा फहराते हैं तो गुटबाजी और बढ़ सकती है।