हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा की कमान एक तरह से पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने संभाली है। टिकट बंटवारे में सबसे ज्यादा उनकी चली और उन्होंने ही इनेलो, जजपा, कांग्रेस आदि के नेताओं को पार्टी में शामिल करा कर टिकट दिलाने में अहम भूमिका निभाई। वे सबसे ज्यादा प्रचार भी कर रहे हैं। इन सब कारणों से वे सबसे निशाने पर भी हैं। विपक्षी पार्टी खास कर कांग्रेस तो उनको निशाना बना कर लड़ ही रही है। उसका कहना है कि भाजपा ने खट्टर को जितनी ज्यादा तरजीह दी है उससे उनके खिलाफ जो एंटी इन्कम्बैंसी थी वह कायम रह गई है। यानी खट्टर की सक्रियता से नायब सिंह सैनी का दांव बहुत कारगर नहीं हो रहा है। हालांकि फिर भी पिछड़ी जातियों के वोट भाजपा को मिलेंगे।
इस बीच खट्टर ने एक दिन कांग्रेस की कुमारी शैलजा को पार्टी में शामिल करने का न्योता दे दिया। जिस समय शैलजा नाराज होकर बैठी थीं उस समय दलित मतदाताओं को मैसेज देने के लिए खट्टर ने शैलजा को न्योता दिया। लेकिन एक दिन बाद ही शैलजा ने मीडिया के सामने खट्टर पर खूब हमला बोला और कहा कि वे अपने पिता की तरह कांग्रेस के तिरंगे में लिपट कर ही जाएंगी। उन्होंने साफ कर दिया कि वे कांग्रेस नहीं छोड़ रही हैं। इससे कांग्रेस को फायदा हुआ और भाजपा की किरकिरी हो गई। इसके बाद एक दिन खट्टर की सभा में एक युवक ने कह दिया कि हरियाणा में भाजपा जीत जाएगी लेकिन हिसार में उसका विधायक नहीं होगा। इस पर खट्टर इतने भड़क गए कि उस युवक को सभ से बाहर निकलवा दिया। इसका वीडियो वायरल होने से भी भाजपा बैकफुट पर है। सो, पार्टी के कई नेता उन पर निशाना साध रहे हैं। अगर भाजपा हारती है तो खट्टर पर ही ठीकरा फूटेगा।