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हरियाणा के तमाम पुराने नेता किनारे हुए

Haryana politics BJP

हरियाणा में भाजपा के पुराने नेताओं का हाशिए में जाना 2014 में ही शुरू हो गया था, जब पहली बार के विधायक मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाया गया था। वे प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेताओं में शामिल नहीं थे। उनको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी करीबी का फायदा मिला था। फिर भी उनको मुख्यमंत्री बनाए जाने से पार्टी के कई बड़े नेता नाराज हुए थे पर सभी सीएम दावेदारों को सरकार में जगह मिल गई थी। Haryana politics BJP

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उसके बाद एक एक करके सारे पुराने नेता लापता होते गए या पार्टी की राजनीति में हाशिए पर डाल दिए गए। एक समय भाजपा के सबसे मजबूत नेताओं में से एक रहे कैप्टेन अभिमन्यू कहां हैं वह किसी को पता नहीं है। पहली बार 2014 में खट्टर की सरकार में वे कई मंत्रालयों के साथ महत्वपूर्ण मंत्री बनाए गए थे। लेकिन वे 2019 का चुनाव हार गए और लापता हो गए।

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इसी तरह रामबिलास शर्मा भी 2014 की सरकार में महत्वपूर्ण मंत्री थे लेकिन 2019 का चुनाव हारने के बाद कहीं सामाजिक कार्यों में लगे हैं। इस तिकड़ी में तीसरा नाम अनिल विज का है। अभिमन्यु और शर्मा की तरह वे भी लंबे समय से हरियाणा के मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे हैं। उन्होंने किसी तरह से खट्टर को सीएम स्वीकार किया था लेकिन नायब सिंह सैनी को स्वीकार नहीं कर पाए और उनकी शपथ में भी नहीं गए।

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सैनी की सरकार में भी विज को मंत्री बनाया जाना था। उनका नाम शपथ लेने वालों की सूची में शामिल था लेकिन वे शपथ में शामिल होने नहीं गए। उन्होंने सैनी की शपथ से पहले ही सरकारी गाड़ी छोड़ दी और निजी गाड़ी से अपने घर चले गए। वे भी संभव है कि अभिमन्यु और शर्मा वाली गति को प्राप्त हों।

By NI Political Desk

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