हरियाणा में भाजपा के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के एक दिन बाद 18 अक्टूबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। इसमें विधायक दल के नए नेता का चुनाव होगा। कांग्रेस आलाकमान ने अशोक गहलोत को पर्यवेक्षक बनाया है। उनके साथ प्रताप सिंह बाजवा और अजय माकन भी जाएंगे। ध्यान रहे अजय माकन वहां छंटनी समिति के प्रमुख थे और उनकी देखरेख में ही ऐसी टिकटें तय हुई थीं कि कांग्रेस के उम्मीदवार कई जगह तीसरे और चौथे स्थान पर गए। दीपक बाबरिया की तरह अजय माकन ने भी उसी तरह काम किया, जैसे भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने चाहा। तभी इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि फिर से हुड्डा ही विधायक दल के नेता हो सकते हैं।
कहा जा रहा है कि कांग्रेस राज्य में शक्ति का संतुलन नहीं बिगाड़ना चाहती है। उसको लग रहा है कि अगर हुड्डा को हटाया तो ओमप्रकाश चौटाला की इनेलो को मौका मिलेगा और जाट उसकी ओर जा सकते हैं। हालांकि हुड्डा विरोधी खेमे में इस बार चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम आगे किया है। वे भजनलाल के बेटे हैं और उनके भाई कुलदीप बिश्नोई भाजपा में हैं। अभी प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान हैं, जो दलित समाज हैं। अगर उनको अभी नहीं हटाया जाता है तो विधायक दल का नेता जाट होने की संभावना ज्यादा है। वह हुड्डा होते हैं या उनकी पसंद का कोई और होता है, यह देखने वाली बात होगी।