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हरियाणा में पहल कौन करेगा?

Haryana Floor Test

कांग्रेस पार्टी हरियाणा सरकार गिराने की पहल नहीं कर रही है। दूसरी ओर जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला दबाव बना रहे हैं कि कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव ले आए। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस अगर पहल करती है तो वे समर्थन करने को तैयार हैं। गौरतलब है कि दुष्यंत चौटाला की पार्टी के 10 विधायक हैं और वे मार्च तक हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार में उप मुख्यमंत्री थे। मार्च में जब भाजपा ने मुख्यमंत्री बदला तो जननायक जनता पार्टी से तालमेल भी खत्म कर दिया। भाजपा को छह निर्दलीय और तीन अन्य विधायकों के समर्थन से बहुमत था। लेकिन अब तीन निर्दलीय विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। इससे भाजपा की नायब सिंह सैनी सरकार अल्पमत में आ गई है। कांग्रेस और जजपा दोनों सरकार को अल्पमत में बता कर मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांग रहे हैं और राष्ट्रपति शासन लगाने या समय से पहले चुनाव कराने की बात कर रहे हैं लेकिन अविश्वास प्रस्ताव पेश करने की बात कोई नहीं कर रहा है।

कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि अगर दुष्यंत चौटाला लिख कर देते हैं कि वे कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेंगे तो वे इस पर विचार करेंगे। दुष्यंत चौटाला इसके लिए तैयार नहीं हैं। वे चाहते हैं कि कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव पेश करे तो वे सदन में उसका समर्थन करेंगे। सो, बात इसी पर अटक गई है कि बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे? दोनों को अंदेशा है कि उनके साथ आने के बावजूद हो सकता है कि सरकार न गिरे क्योंकि दुष्यंत चौटाला की पार्टी के कम से कम दो विधायक भाजपा के समर्थन में हैं और सरकार के पक्ष में वोट कर सकते हैं। चूंकि स्पीकर भाजपा के हैं इसलिए दलबदल करके सरकार के पक्ष में वोट देने वाले विधायकों को वोटिंग से पहले अयोग्य नहीं ठहराया जाएगा। वैसे भी सैनी सरकार ने मार्च में ही विश्वास मत हासिल किया है इसलिए फिर से विश्वास मत हासिल करने की बाध्यता भी नहीं है। तभी दोनों पार्टियां अविश्वास प्रस्ताव लाने के नफा नुकसान का आकलन कर रही हैं। लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस और जजपा दोनों भाजपा को ताकत दिखाने या सहानुभूति लेने का मौका नहीं देना चाहती हैं।

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