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हरियाणा में चारकोणीय मुकाबला

भाजपा और कांग्रेस के बीच आमने सामने के मुकाबले वाले हरियाणा में चुनाव बहुत दिलचस्प हो गया है। मुकाबला तो अब भी इन्हीं दो मुख्य पार्टियों के बीच है लेकिन दो अन्य गठबंधनों की वजह से कई क्षेत्रों में चारकोणीय मुकाबला होगा। हालांकि एक खबर यह भी है कि चुनाव के बीच चौटाला परिवार एक हो सकता है। अगर ओमप्रकाश चौटाला और अजय चौटाला की इनेलो और अभय व दुष्यंत चौटाला की जजपा साथ आ जाएं तो चुनाव और रोचक हो जाएगा। हालांकि तब इन दोनों से तालमेल करने वाली बसपा और आजाद समाज पार्टी का क्या होगा यह नहीं कहा जा सकता है। यह भी संभव है कि चुनाव के बीच चौटाला परिवार विलय करके साथ लड़ने की बजाय रणनीतिक रूप से लड़ें और परोक्ष रूप से एक दूसरी मदद करें। ऐसा होता है तब भी चुनाव पर बड़ा असर होगा। हरियाणा के कई इलाकों में चौटाला परिवार के असर से अब भी इनकार नहीं किया जा सकता है।

इस बार का हरियाणा का चुनाव इसलिए भी दिलचस्प हुआ है कि कांग्रेस और भाजपा में टिकट को लेकर जबरदस्त खींचतान रही और दोनों में बगावत भी बहुत है। कांग्रेस में कुछ कम है लेकिन भाजपा में तो चारों तरफ तलवारें खींची हैं। ऐसे में इनेलो व बसपा और जजपा व आजाद समाज पार्टी को अच्छे उम्मीदवार उपलब्ध हो गए हैं। कांग्रेस और भाजपा से बागी होने वाले नेताओं का इन दोनों गठबंधनों में स्वागत हो रहा है। नामांकन शुरू होने के बाद पता चलेगा कि किस पार्टी के कितने बागी किस पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं और किस तरह से सामाजिक समीकरण को प्रभावित कर रहे हैं। ये दोनों गठबंधन किसी एक एक पार्टी को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। कांग्रेस और भाजपा दोनों को अलग अलग जगहों पर नुकसान पहुंचा सकते हैं।

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