केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को रविवार, एक सितंबर को हरियाणा में जींद की सभा में शामिल होना था। प्रदेश भाजपा की ओर से आयोजित जन आशीर्वाद रैली में शाह मुख्य अतिथि थे। लेकिन एक दिन पहले उनका कार्यक्रम रद्द हो गया। वे जींद की सभा में नहीं गए। सवाल है कि अमित शाह का दौरा क्यों रद्द हुआ? ऐसा नहीं है कि एक सितंबर को वे किसी दूसरे बड़े कार्यक्रम में शामिल हुए या कोई इमरजेंसी बैठक थी, जिसकी वजह से वे नहीं गए। एक सितंबर को उनके किसी कार्यक्रम की सूचना नहीं है। तभी कहा जा रहा है कि वे प्रदेश कमेटी के कामकाज से नाराज हैं। दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी के नेताओं और कुछ इधर उधर के दूसरे नेताओं को भाजपा में शामिल किए जाने से वे खुश नहीं हैं।
जानकार सूत्रों का कहना है कि जींद की सभा में जजपा के तीन नेताओं को भाजपा में शामिल करने की खबर मिलने के बाद शाह ने कार्यक्रम रद्द किया। उन्होंने इसके लिए मना किया था। बताया जा रहा था कि शाह ने कहा था कि भाजपा अपने नेताओं के दम पर चुनाव लड़ने में सक्षम है इसलिए किसी बाहरी नेता को शामिल कराने की जरुरत नहीं है। यह भी कहा गया कि भाजपा में शामिल होने वालों में एक गंभीर अपराध के आरोपी भी हैं इसके लिए भी शाह ने मना किया था। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर की पहल पर सभी नेताओं को भाजपा में शामिल कराया गया।
इतना ही नहीं कांग्रेस के पूर्व नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा की पत्नी शक्ति रानी शर्मा को भी भाजपा में शामिल कराया गया। सबसे ज्यादा हैरानी की बात यह रही कि अमित शाह का दौरा रद्द होने के बाद भाजपा की रैली के पोस्टर से उनकी फोटो भी हटा दी गई। भाजपा ने सोशल मीडिया में जो पोस्टर जारी किया उसमें भी नरेंद्र मोदी और जेपी नड्डा के साथ प्रदेश के नेताओं की फोटो थी लेकिन अमित शाह की फोटो नदारद थी।