राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

जीएसटी के आंकड़े जारी करने में घबराहट

GST collection

वस्तु व सेवा कर का जून का आंकड़ा सरकार ने आधिकारिक रूप से नहीं जारी किया। सूत्रों के हवाले से यह आंकड़ा सामने आया और बताया गया कि जून में सरकार ने जीएसटी के मद में एक लाख 74 हजार करोड़ रुपए की वसूली की है। इससे पहले वित्त मंत्रालय की ओर से आधिकारिक रूप से आंकड़ा जारी होता था और हर महीने की एक तारीख को गाजे बाजे के साथ बताया जाता था कि पिछले महीने में जीएसटी की कितनी वसूली है, वह महीने दर महीने के आधार पर कितने फीसदी और साल दर साल के आधार पर कितने फीसदी ज्यादा है और उसमें कितना हिस्सा केंद्र का है, कितना राज्यों का है, कितना एकीकृत है और उपकर के मद में कितनी वसूली हुई है। लेकिन इस बार सरकार की ओर से कुछ नहीं बताया गया।

माना जा रहा है कि सरकार को ऐसी फीडबैक मिली है कि लोग जीएसटी के आंकड़ों से चिढ़ रहे हैं। लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद ऐसी फीडबैक मिली है। भाजपा को ऐसा लग रहा है कि इस वजह से भी लोगों ने भाजपा को कम वोट किया। आखिर जीएसटी का पैसा आम लोगों की जेब से ही निकल रहा है। लोग इस बात से नाराज हैं कि महंगाई लगातार बढ़ रही है और उस अनुपात में लोगों की आय नहीं बढ़ रही है। आर्थिक जानकार पिछले कुछ सालों से बता रहे हैं कि जीएसटी के राजस्व में जो बढ़ोतरी हो रही है वह उपभोग बढ़ने या लोगों की खरीद शक्ति बढ़ने की वजह से नहीं है, बल्कि महंगाई बढ़ने की वजह से है। तभी लोगों को लग रहा है कि हर महीने का आंकड़ा उनके जख्मों पर नमक छिड़कने की तरह है। संभवतः इसलिए सरकार ने आधिकारिक रूप से आंकड़ा जारी नहीं किया। लेकिन यह कोई समाधान नहीं है। सरकार को आंकड़े छिपाने की बजाय लोगों पर कर का बोझ कम करने का उपाय करना चाहिए।

By NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *