राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

दिल्ली में भी मुस्लिम वोटों की लड़ाई

Image Source: ANI

जिस तरह से उत्तर प्रदेश में सपा और कांग्रेस साथ हैं लेकिन दोनों के बीच मुस्लिम वोट लेकर खींचतान चल रही है और सपा को यह चिंता सता रही है कि कहीं कांग्रेस की वापसी हुई तो मुस्लिम उसके साथ जा सकते हैं उसी तरह दिल्ली में बिल्कुल यही चिंता आम आदमी पार्टी को सता रही है। कांग्रेस के मुस्लिम और प्रवासी वोट के दम पर लगातार तीन चुनाव जीत चुके अरविंद केजरीवाल को मुस्लिम वोटों की फिक्र करनी पड़ रही है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की 99 सीटों की जीत ने उनकी चिंता बढ़ा दी है। उनको लग रहा है कि देश में भर में यह मैसेज बन रहा है कि भाजपा और नरेंद्र मोदी से कांग्रेस और राहुल गांधी लड़ रहे हैं। तो कहीं ऐसा न हो कि दिल्ली के मुसलमान, जिनमें ज्यादातर संख्या बिहार और उत्तर प्रदेश के मुसलमानों की है वे कांग्रेस की ओर चले जाएं।

इसके लिए केजरीवाल अब पहले से ज्यादा आक्रामक अंदाज में भाजपा और नरेंद्र मोदी को निशाना बना रहे हैं तो साथ ही कांग्रेस के मुस्लिम नेताओं को तोड़ कर अपनी पार्टी में शामिल करने की मुहिम भी चलाए हुए हैं। उन्होंने पूर्वी दिल्ली में कांग्रेस के सबसे मजबूत नेता रहे चौधरी मतीन अहमद को आम आदमी पार्टी में शामिल करा लिया है। इससे पहले उन्होंने मतीन अहमद के बेटे जुबैर अहमद और जुबैर की पत्नी व पार्षद शगुफ्ता अहमद को पार्टी में शामिल कराया है। केजरीवाल ने इमरान हुसैन को अपनी सरकार में मंत्री बनाया हुआ है और अमानतुल्ला खान को उनका पूरा समर्थन है, जिनके वक्फ बोर्ड के चेयरमैन रहते कई घोटालों की खबरें आई हैं और इसी सिलसिले में वे गिरफ्तार भी हुए हैं।

By NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *