पंजाब के किसान पिछले दो हफ्ते से आंदोलन कर रहे हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं। वे दिल्ली आना चाहते हैं कि लेकिन सरकार ने जबरदस्त बाड़ेबंदी करके किसानों को पंजाब की सीमा में ही रोक दिया है। उनको हरियाणा में ही नहीं घुसने दिया जा रहा है तो वे दिल्ली कैसे पहुंचेंगे! दो हफ्ते के आंदोलन में एक युवा किसान शुभकरण सिंह सहित आठ लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें तीन पुलिसकर्मी हैं। Farmer protest Kishan Andolan
पिछली बार जब किसान एक साल तक आंदोलन करते रहे थे तब सात सौ किसानों की जान गई थी। इस बार उनको रोकने के लिए ट्रैक्टर के हाईवे पर जाने पर रोक लगी है तो हरियाणा में 10 लीटर से ज्यादा डीजल देने पर रोक लगी तो कई जिलों में इंटरनेट बंद कर दिए गए।
अब दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और बकौल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘लोकतंत्र की जननी’ यानी भारत के आंदोलन की तुलना यूरोप के अलग अलग देशों में चल रहे किसान आंदोलन से करें तो पता चलेगा कि वास्तविक लोकतंत्र क्या होता है। लगभग पूरे यूरोप में किसान किसी न किसी मामले को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। फ्रांस में हजारों किसान ट्रैक्टर लेकर राजधानी पेरिस पहुंचे क्योंकि उनको राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की सरकार की कृषि नीतियां पसंद नहीं हैं। Farmer protest Kishan Andolan
इसी तरह इटली में लगातार गर्मी और सूखे से परेशान किसान आंदोलन कर रहे है। यूरोपीय संघ के सबसे बड़े देश जर्मनी में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। ग्रीस से लेकर पुर्तगाल और स्पेन तक किसानों का आंदोलन चल रहा है। उनके ट्रैक्टर बड़े शहरों में सड़कों पर घूम रहे हैं। राजधानियों में ट्रैक्टर की रैलियां हो रही हैं। और कही भी उनको रोका नहीं जा रहा है। दूसरी ओर ‘लोकतंत्र की जननी’ भारत में किसानों को रोकने के लिए ऐसी बाड़ेबंदी हुई है, जैसी भारत और पाकिस्तान की सीमा पर भी नहीं है। Farmer protest Kishan Andolan
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