दिल्ली के सेवा बिल को लेकर नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यू ने अपने पांचों राज्यसभा सांसदों के लिए व्हिप जारी किया था। पार्टी ने अपने सांसद और राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश नारायण को भी व्हिप जारी किया था। हालांकि तब इस बात को लेकर सवाल उठे थे और कहा गया था कि उप सभापति को व्हिप के दायरे में नहीं लाया जा सकता है। लेकिन पार्टी ने व्हिप जारी किया था और विपक्षी सांसदों का कहना था कि अगर वे व्हिप का उल्लंघन करते हैं तो उन पर कार्रवाई हो सकती है। लेकिन ऐसा होने की नौबत नहीं आई क्योंकि जब इस बिल पर चर्चा समाप्त हुई और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया तो वे आसन पर विराजमान थे।
दिन में जब यह बिल पेश हुआ और चर्चा शुरू हुई तो सभापति जगदीप धनखड़ खुद आसन पर मौजूद थे। लेकिन जवाब देने और वोटिंग के समय उनकी जगह हरिवंश आ गए थे। सो, उनके वोट डालने की नौबत नहीं आई। इसके पीछे सरकार की प्लानिंग बताई जा रही है। वैसे बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस के साथ आने से सरकार का बहुमत का आंकड़ा बढ़ गया था फिर भी ऐसा बंदोबस्त किया गया कि हरिवंश के वोट डालने की नौबत न आए। इस विवादित बिल पर वोटिंग के समय आसन पर हरिवंश को देख कर कई लोगों को इसी तरह के विवादित कृषि कानूनों की याद आई। उस समय भी हरिवंश ही आसन पर थे और बड़े विवाद के बाद यह विधेयक पास हुआ था।