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कांशीराम के प्रति कांग्रेस का प्रेम

अगले लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का कांशीराम के प्रति प्रेम उमड़ रहा है। अभी तक बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती कांग्रेस के साथ तालमेल के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने दो टूक अंदाज में कहा है कि उनकी पार्टी अगले चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों के गठबंधन से समान दूरी रखेगी और अकेले चुनाव लड़ेगी। इसके बावजूद कांग्रेस नेताओं ने उम्मीद नहीं छोड़ी है। पहले प्रदेश कांग्रेस के दलित अध्यक्ष बृजलाल खाबरी को हटा कर अगड़ी जाति के अजय राय को अध्यक्ष बनाया गया। यह मायावती को खुश करने के लिए था क्योंकि खाबरी उनकी पार्टी से कांग्रेस में आए थे।

अब कांग्रेस पार्टी दलित गौरव संवाद शुरू करने जा रही है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने बताया है कि नौ अक्टूबर को बसपा के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि के मौके पर कांग्रेस दलित गौरव संवाद शुरू करेगी। कांशीराम की जय-जयकार के लिए कांग्रेस ने यह अभियान शुरू किया है। ऐसा नहीं है कि इससे बसपा का वोट टूट कर कांग्रेस की ओर आ जाएगा। कांग्रेस का यह मकसद भी नहीं है। उसे सिर्फ मायावती को खुश करना है। असल में कांग्रेस इस प्रयास में है कि मायावती के साथ उसका तालमेल हो जाए और उसमें जयंत चौधरी की पार्टी भी शामिल हो जाए। इसका फायदा कांग्रेस राजस्थान, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में भी देख रही है, जहां अभी चुनाव होने वाला है।

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