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तेलंगाना में भाजपा-कांग्रेस की क्या रणनीति है?

भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के काफी उम्मीदवारों की घोषणा  कर दी है। छत्तीसगढ़ में तो अब सिर्फ पांच सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा बाकी है। लेकिन अभी तक भाजपा ने तेलंगाना में उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं। पिछले 10 दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दोनों की रैली तेलंगाना में हुई है। पार्टी चुनाव जीतने का दावा कर रही है लेकिन उम्मीदवार घोषित नहीं कर रही है। तेलंगाना में उम्मीदवारों की घोषणा इसलिए अहम है क्योंकि सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति ने राज्य की 119 में से 115 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने अगस्त में ही 115 उम्मीदवार घोषित कर दिए।

इसका मतलब है कि पिछले दो महीने से उनकी पार्टी के उम्मीदवार अपने क्षेत्र में काम कर रहे हैं। वे चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले ही अपने क्षेत्र में प्रचार का काम पूरा कर चुके हैं। उनको जो भी मुफ्त की रेवड़ी आदि बांटनी थी वह बांट चुके हैं। अगर कहीं लोगों में नाराजगी थी उसे भी शांति किया जा चुका है। लेकिन कांग्रेस और भाजपा दोनों ने उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं। बताया जा रहा है कि दोनों एक दूसरे की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। कांग्रेस को लग रहा है कि उम्मीदवारों की घोषणा के बाद उसके यहां भगदड़ मच सकती है और कुछ नेता भाजपा की टिकट से लड़ सकते हैं। इसका जमीनी असर कांग्रेस के लिए ठीक नहीं होगा। भाजपा ऐसे उम्मीदवारों के इंतजार में है, जो मजबूत हैं और किसी वजह से टिकट नहीं ले पाते हैं।

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