चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर बिहार में पदयात्रा कर रहे हैं। वे जन सुराज अभियान चला रहे हैं। वे यह भी दावा करते हैं कि अब वे चुनाव प्रबंधन का काम नहीं करते हैं। हालांकि उनकी बनाई कंपनी आई-पैक यानी इंडियन पॉलिटकल एक्शन कमेटी कई राज्यों में अलग अलग पार्टियों के चुनाव प्रबंधन का काम देख रही है। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, तमिलनाडु में डीएमके, महाराष्ट्र में शिव सेना के उद्धव ठाकर गुट के साथ साथ तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति के साथ उनकी कंपनी का करार है। सो, भले प्रशांत किशोर चुनाव रणनीति बनाने के काम से इनकार करें लेकिन चूंकि उनकी कंपनी तेलंगाना में काम कर रही है इसलिए कांग्रेस पार्टी के नेता उनको निशाना बना रहे हैं।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी ने आरोप लगाया है कि सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति के नेताओं पर जो हमले हो रहे हैं वह प्रशांत किशोर की रणनीति का हिस्सा है। रेड्डी ने यह भी कह कि पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में भी पीके ने यह रणनीति आजमाई थी। गौरतलब है कि पिछले दिनों बीआरएस के उम्मीदवार कोटा प्रभाकर रेड्डी पर चाकू से हमला हुआ था। उसके बाद एक अन्य उम्मीदवार गुवाला बालाराजू पर भी हमला हुआ। रेवंत रेड्डी का कहना है कि अगर यह राजनीतिक हमला नहीं था तो आरोपियों पर कार्रवाई की जानकारी सार्वजनिक क्यों नहीं की जा रही है? कांग्रेस का आरोप है कि बीआरएस चुनाव हार रही है इसलिए सहानुभूति हासिल करने के लिए उम्मीदवारों पर इस तरह के हमले कराए जा रहे हैं।