भारतीय जनता पार्टी ने तेलंगाना में एक साल पहले बहुत बड़ा राजनीतिक अभियान शुरू किया था। लेकिन फिर उसने अपने कदम पीछे खींच लिए थे। कहा जाने लगा था कि भाजपा को फीडबैक मिली है कि अगर वह बहुत जोर लगा कर लड़ेगी तो उसका फायदा कांग्रेस को होगा। भाजपा नहीं चाहती है कि कांग्रेस जीते इसलिए उसने अपना राजनीतिक अभियान धीमा कर दिया ताकि सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति और कांग्रेस में सीधा मुकाबला हो। लेकिन भाजपा ने अब फिर अभियान तेज कर दिया है। कहा जा रहा है कि उसके पीछे हटने के बावजूद यह धारणा बनी कि अब कांग्रेस जीत रही है और बीआरएस लगातार पिछड़ती जा रही है। इसलिए भाजपा ने नई रणनीति के तहत अपना प्रचार अभियान तेज किया है। राजस्थान में प्रचार समाप्त होते ही भाजपा की पूरी टीम तेलंगाना पहुंच गई है। भड़काऊ भाषणों के लिए मशहूर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी प्रचार में पहुंच गए हैं।
भाजपा ने अपने घोषणापत्र में वो तमाम वादे किए हैं, जो कांग्रेस ने किए हैं। उसने भी दिल खोल कर मुफ्त में सेवाएं और वस्तुएं बांटने का ऐलान किया है। इसके अलावा दलित समुदाय में मडिगा वोट को लेकर भाजपा ने बड़ी पहल की है। कुछ दिन पहले अपनी सभी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मडिगा आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे कृष्णा मडिगा को मंच पर गले लगाया और अनुसूचित जाति के आरक्षण में वर्गीकरण का वादा किया। अब बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने इसके लिए कमेटी बनाने सहित कई तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसी तरह तेलंगाना के मध्य वर्ग को आकर्षित करने के लिए अमित शाह ने वादा किया है कि सरकार बनी तो प्रवासी भारतीयों के लिए एक अलग मंत्रालय बनाएंगे। गौरतलब है कि राज्य के लगभग सभी मध्यवर्गीय परिवारों का कोई न कोई व्यक्ति विदेश में रहता है। उधर कांग्रेस की ओर रूझान दिखा रहे मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने के लिए मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव खुल कर वादे कर रहे हैं। उन्होंने मुसलमानों के लिए आईटी पार्क बनाने की घोषणा की है। इस तरह भाजपा ने चुनाव को उलझाने का दांव चला है।