दिल्ली में राज्यसभा की सभी तीन सीटों के लिए एक साथ चुनाव होते हैं। पूरे देश में होने वाले दोवार्षिक चुनाव मार्च में होंगे लेकिन दिल्ली में उससे पहले जनवरी में ही चुनाव होंगे। राज्य की सभी तीन सीटें आम आदमी पार्टी के पास हैं। और चूंकि तीनों सीटों की अधिसूचना अलग अलग जारी होती है इसलिए जो सत्ता में रहता है उसे तीनों सीटें मिलती हैं। पहले सभी तीन सीटें कांग्रेस के पास थीं और अब आम आदमी पार्टी के पास हैं। ये तीनों सीटें 27 जनवरी को खाली होंगी। सवाल है कि अरविंद केजरीवाल क्या अपनी तीनों पुराने सांसदों को फिर से उच्च सदन में भेजेंगे या कोई बदलाव करेंगे? केजरीवाल के लिए तीनों सीटों पर फैसला करना आसान नहीं होगा क्योंकि उसके तुरंत बाद लोकसभा के चुनाव होने हैं।
पिछली बार राज्यसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने सभी बड़े नेताओं और संभावित दावेदारों को पार्टी से निकाल दिया था। बचे हुए नेताओं में से एक संजय सिंह को उन्होंने राज्यसभा में भेजा। बाकी दो सीटों पर उन्होंने दो कारोबारियों- एनडी गुप्ता और सुशील गुप्ता को राज्यसभा भेजा। अभी संजय सिंह शराब नीति घोटाले में जेल में हैं। अगले महीने चुनाव होने वाले हैं और अगर उनको जमानत नहीं मिलती है तो केजरीवाल क्या करेंग? लोकसभा, विधानसभा चुनावों में तो जेल में बंद लोग लड़ते रहते हैं और जेल से नामांकन के लिए जाते हैं। लेकिन जेल में बंद किसी नेता के राज्यसभा के लिए नामांकन करने का मामला ध्यान में नहीं आ रहा है। इसी तरह दोनों कारोबारियों को फिर से राज्यसभा भेजना भी केजरीवाल के लिए आसान नहीं होगा। इस समय कांग्रेस के साथ साथ केजरीवाल भी केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कारोबारियों का करीबी साबित करने में लगे हैं। हालांकि इसके बावजूद उन्होंने पंजाब में पांच अराजनीतिक लोगों और कारोबारियों को राज्यसभा भेजा है।