पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों से राज्य में उलटफेर हुई है लेकिन इससे राज्यसभा का हिसाब नहीं बदलेगा। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की जगह भाजपा आ गई है और तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति की जगह कांग्रेस ने सरकार बना ली है। लेकिन संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा में सदस्यों की संख्या पहले जैसी ही रहेगी। फिलहाल राज्यसभा में भाजपा के 93 और कांग्रेस के 30 सदस्य हैं। तृणमूल कांग्रेस तीसरे नंबर की पार्टी है, जिसके 13 सांसद हैं। तेलंगाना में 10 साल से राज चला रही भारत राष्ट्र समिति के राज्यसभा में सात सांसद हैं। इनकी संख्या में कमी आएगी।
जहां तक कांग्रेस का सवाल है तो उसकी संख्या में बदलाव नहीं आएगा। अगले साल होने वाले राज्यसभा के दोवार्षिक चुनावों में कांग्रेस के 30 में से 11 सदस्य रिटायर होने वाले हैं। इनमें एक राज्य ऐसा है, जहां रिटायर हो रहे सदस्यों की वापसी संभव नहीं है। लेकिन इन सीटों की भरपाई तेलंगाना से हो सकती है। कांग्रेस की अमी याज्ञनिक और नारन भाई राठवा गुजरात से राज्यसभा सदस्य हैं और दोनों अगले साल अप्रैल में रिटायर होंगे। वहां कांग्रेस पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी की वजह से सिमट कर 17 सीट पर आ गई है और वह कोई राज्यसभा सीट नहीं जीत सकती है।
इसके अलावा तीन राज्य ऐसे हैं, जहां से कांग्रेस के तीन सदस्य रिटायर हो रहे हैं और अगर सहयोगी पार्टियों से कांग्रेस का सद्भाव बना रहा तो इन तीनों की वापसी हो सकती है। अगले साल अप्रैल में बिहार में प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह रिटायर हो रहे हैं और पश्चिम बंगाल में अभिषेक सिंघवी का कार्यकाल खत्म हो रहा है। झारखंड में धीरज प्रसाद साहू रिटायर हो रहे हैं, जिनकी वजह से कांग्रेस पूरे देश में नए सिरे से बदनाम हुई है। उनके यहां आयकर विभाग की छापेमारीमें तीन सौ करोड़ रुपए से ज्यादा की नकदी पकड़ी गई है और पिछले चार दिन से नोट गिने जा रहे हैं। बहरहाल, बिहार में कांग्रेस के 19 और झारखंड में 17 विधायक हैं और इन सीटों पर कांग्रेस का दावा बनता है। ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस के समर्थन से सरकार चला रही दोनों राज्यों की प्रादेशिक पार्टियां ये सीटें कांग्रेस के देंगी। लेकिन पश्चिम बंगाल से सिंघवी की वापसी पूरी तरह से ममता की कृपा पर होगी।
कर्नाटक से कांग्रेस के तीन सांसद- चंद्रशेखर सीजी, डॉक्टर एल हनुमंथैया और सैयद नासिर हुसैन रिटायर हो रहे हैं। कांग्रेस अपने बहुमत के दम पर फिर तीन सीटें हासिल कर लेगी। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के राजमनी पटेल रिटायर हो रहे हैं और उनकी सीट भी कांग्रेस बचा लेगी। इसी तरह राजस्थान में कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह रिटायर हो रहे हैं। वह एक सीट भी कांग्रेस बचा लेगी। कांग्रेस को दिक्कत 2026 के दोवार्षिक चुनावों में होगी क्योंकि तब इन राज्यों में उसके ज्यादा सदस्य रिटायर होंगे।