जयपुर। राजस्थान विधानसभा की 199 सीटों के लिए चुनाव प्रचार का शोर थम गया है। गुरुवार की शाम छह बजे प्रचार अभियान समाप्त हो गया। अब अगले 48 घंटे प्रत्याशी घर घर जाकर अपना प्रचार करेंगे। प्रचार अभियान के आखिरी दिन गुरुवार को दोनों मुख्य पार्टियों भाजपा और कांग्रेस सहित अन्य दलों के बड़े नेताओं ने प्रचार में पूरी ताकत झोंकी। प्रचार के अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी सभा की। अमित शाह ने नाथद्वारा में रोड शो किया तो प्रधानमंत्री मोदी ने राजसमंद में विजय संकल्प रैली को संबोधित किया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा सहित भाजपा के कई बड़े नेताओं ने भी गुरुवार को अलग-अलग जगहों पर रोड शो किए और जनसभाएं कीं। दूसरी ओर कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने अंतिम दिन सभा नहीं की। कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, रणदीप सिंह सूरजेवाला आदि नेताओं ने जनसभाएं कीं।
राजस्थान में कुल दो सौ विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से एक करणपुर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन से चुनाव टल गया है। सो, राज्य की 199 सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान होगा। राज्य के पांच करोड़ 25 लाख से कुछ ज्यादा मतदाता चुनाव में 1,863 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। राज्य में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के बीच है।
कांग्रेस ने अपने चुनाव प्रचार अभियान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार के काम, उसकी योजनाओं और कार्यक्रमों पर फोकस किया। राहुल गांधी ने जाति गणना को मुद्दा बनाया। कांग्रेस ने घोषणापत्र में सात गारंटी की घोषणा की है। दूसरी ओर भाजपा ने राज्य में अपराध, तुष्टीकरण, भ्रष्टाचार और पेपर लीक जैसे मुद्दों को लेकर कांग्रेस पर हमला किया। गौरतलब है कि राजस्थान में हर पांच साल पर सत्ता बदलने का रिवाज है। इस बार कांग्रेस इस रिवाज को बदलने का वादा कर रही है।